फाल्गुन मास की द्वितीया के दिन फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन से भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा एवं ब्रज में होली पर्व की शुरुआत हो जाती है। हिन्दू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है।
इस साल 21 फरवरी को मनाई जाएगी फुलेरा दूज
फुलेरा दूज फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल फुलेरा दूज की तिथि की शुरुआत 21 फरवरी 2023 मंगलवार को सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 22 फरवरी 2023 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर होगा। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा गोधूली मुहूर्त में ही की जाएगी. इस दिन गोधूली मुहूर्त की शुरुआत शाम 06 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक होगी।
फुलेरा दूज क्यों मनाते है ?
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन को पूर्णतया दोषमुक्त भी माना जाता है. यानी इस दिन आप किसी भी तरह के मंगल एवं शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त निकाले कर सकते हैं. हिंदू धर्म में इस दिन बहुत ज्यादा संख्या में शुभ विवाह एवं अन्य संस्कारों के विभिन्न रश्मे की जाती हैं. मथुरा में इसी दिन से होली की शुरुआत हो जाती है।
क्या होता है इस दिन ?
इस दिन से होली की शुरुआत हो जाती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा-रानी की पूजा-अर्चना की जाती है. सारे कृष्ण मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण एवं राधा रानी को फूलों से सजाया जाता है और उन पर रंग-बिरंगे फूल बरसाए जाते हैं. इसलिए इसे फूलों का त्योहार भी कहा जाता है. यह पर्व मुख्य रूप से ब्रज धाम में मनाया जाता है और इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी को अबीर और गुलाल भी अर्पित किये जाते हैं. श्री कृष्ण और राधा रानी को माखन मिश्री का भव्य भोग भी लगाने की परंपरा है. बहुत से घरों में इस दिन तमाम किस्मों की मिठाइयां एवं अन्य पकवान तैयार किये जाते हैं, जिसे भोग स्वरूप श्रीकृष्ण एवं राधा रानी को अर्पित किया जाता है।
इस दिन खेली जाती है फूलो की होली
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार फुलेरा दूज के दिन से ही भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलना शुरू किया था। फुलेरा दूज को मथुरा और ब्रज के आसपास के इलाके में उत्साह के साथ मनाया जाता है। फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।