कर्नाटक विधानसभा चुनाव के फाइनल नतीजे आने लगे अब तक आए ट्रेंड से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है। राज्य विधासभा में कुल 224 सीटें हैं। इनमें से सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 113 सीटें चाहिए।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, कांग्रेस 122 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि बीजेपी सिर्फ 71 सीटों पर आगे है. वहीं जेडीएस 24 सीटों पर आगे है. वोट शेयर में भी कांग्रेस ही आगे है. कांग्रेस को बीजेपी से सात फीसदी ज्यादा वोट शेयर मिला है.
यही वजह है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ता कांग्रेस की जीत के नारे लगा रहे हैं। लेकिन, सवाल है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार में सीएम का ताज किसके सिर होगा?
कांग्रेस का बहुत अच्छा प्रदर्शन
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अभी तक जो खबर है कांग्रेस का बहुत अच्छा प्रदर्शन है। निश्चित तौर पर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनेगी। भाजपा का प्रयास रहेगा कि अन्य पार्टियों से मिलकर खरीद फरोख्त करें।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए जारी वोटों की गिनती में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पिछड़ती दिखी 224 सीटों वाली विधानसभा में उसके खाते में 70 से 75 के बीच सीटें आती हुई दिख रही हैं. रुझानों में कांग्रेस को 122, बीजेपी को 71 और जेडीएस को 24 सीटें मिलती दिख रही हैं.
बीजेपी का प्लान।
रुझानों के मुताबिक, बीजेपी बहुमत से दूर है. ऐसे में उसका सरकार बनाने का सपना टूट सकता है. लेकिन पार्टी को अब भी पूर्ण बहुमत की उम्मीद है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया कि यदि हमारा आंकड़ा बहुमत से कम रहता है, तो पार्टी के उन पूर्व नेताओं को वापस लाने की कोशिश करेगी, जिन्होंने निष्ठा बदली है और जो जीते हैं. दलबदल विरोधी कानून को रोकने के लिए इन नेताओं से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपनी सीटों से इस्तीफा दे दें और बीजेपी सरकार का मार्ग प्रशस्त करें.
कांग्रेस के प्लान को भी जान लीजिए।
रुझानों में कांग्रेस को बहुमत तो मिल गया है लेकिन उसके बाद भी पार्टी अलर्ट मोड में है. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं. रणदीप सिंह सुरजेवाला भी राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया, डी.के. शिवकुमार, जगदीश शेट्टार, एच.के. पाटिल व अन्य के सात बातचीत के लिए बेंगलुरु में मौजूद हैं. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर भी चहल-पहल दिखाई दे रही है.
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की पहली प्राथमिकता सरकार बनाने की होगी. अगर पार्टी को दस से कम सीटें मिलती हैं, तो जद (एस) को तोड़ने की कोशिश प्राथमिकता होगी. कांग्रेस के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि सिद्धारमैया को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है, क्योंकि वह जद (एस) के पूर्व नेता थे और पार्टी में उनके गहरे संपर्क हैं.