1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो रहा है। यूपीआई को संचालित करने वाला नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च, 2023 को जारी किए गए सर्कुलर में कहा है कि यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लागू किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए व्यापारियों को 2,000 रुपये से अधिक के पैसों ट्रांसफर करता है तो ऐसी स्थिति में इसे इंटरचेंज फीस देनी होगा।
2 हजार रुपए से अधिक पर लगेगा चार्ज।
इंटरचेज फीस से लेनदेन की प्रोसेसिंग आदि का लागत वसूलने में मदद मिलेगी. हालांकि, इससे पेमेंट करना महंगा हो जाएगा. यूपीआई पेमेंट से जुड़ा नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा. एनपीसीआई ने इंडस्ट्री और सेक्टर के हिसाब से अलग-अलग सरचार्ज रेट तय किया है. एग्रीकल्चर और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरचार्ज की दर कम रहने का अनुमान है।
2 हजार रुपए से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर 1.1% PPI फीस लगाने की सिफारिश की गई है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पडे़गा।
बैंक अकाउंट और प्रीपेड वॉलेट से पेमेंट करने पर नहीं लगेगा चार्ज।
NPCI के मुताबिक, बैंक अकाउंट और प्रीपेड वॉलेट के जरिए पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन फीस नहीं लिया जाएगा। NPCI इस नियम के लागू होने के बाद 30 सितंबर 2023 या उससे पहले समीक्षा करेगा। बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह का ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद NPCI इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले करेगा।