सिनेमा की दुनिया में रहस्य और रोमांच से भरपूर फ़िल्मों का दर्शकों ने कई बार बड़े पर्दे पर अनुभव लिया होगा. मगर कभी-कभार ही ऐसी फ़िल्में बनती हैं, जो दर्शकों को पूरी तरह से झकझोर कर रख दे. देशभर के सिनेमाघरों में आज रिलीज़ हुई ‘औहाम’ ऐसे ही एक रोंगटे खड़े कर देने वाली सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म है। 26 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई अंकित हंस की ‘औहाम’ एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है।
कहानी
‘औहम’ का मतलब होता है भ्रम पैदा करना, जैसे ‘दृश्यम’ में अजय देवगन एक परफेक्ट क्राइम प्लान करते हैं, ठीक वैसा ही कुछ औहम में भी होता है। कहानी शुरू होती है शिवा और रिया के घर से भागकर शादी करने से। इस लव स्टोरी को अंजाम तक पहुंचाने में इनका दोस्त भी मदद करता है। कुछ सालों के बाद शिवा पुलिस स्टेशन आता है अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने। इसके बाद शुरू होता है छानबीन का सिलसिला।
डायरेक्शन और राइटिंग
औहाम का मतलब है मायाजाल. फिल्म की कहानी में भी हम निर्देशक को ये मायाजाल पेश पर्दे पर पेश करता हुआ देख सकते हैं. इस कहानी में आने वाले ट्विस्ट फिल्म का यूएसपी है. राइटर और निर्देशक ने बड़ी ही समझदारी के साथ धीरे धीरे अनपेक्षित ढंग से ये कहानी दिखाई है और इस वजह से फिल्म का सस्पेंस आखिर तक हमने इससे जोड़े रखता है.
एक्टिंग
हृदय सिंह और दिव्या मलिक ने अपने किरदारों को पूरी तरह से न्याय देने की कोशिश करती हैं. वरुण सूरी का पुलिस अफसर याद रहता है. फिल्म का म्यूजिक और प्रभावशाली हो सकता था।