कर्मचारी भविष्य निधि के जरिए रिटायरमेंट के बाद भविष्य को फाइनेंशियली सुरक्षित करने में मदद मिलती है. यह सुविधा संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए होती है. लेकिन, कुछ जरूरी खर्च के मौके पर आप रिटायरमेंट से पहले भी इस फंड से कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। कई लोगों को लगता है कि ईपीएफ से पैसा निकालना मुश्किल होता है लेकिन ऐसा नहीं है। PF का पैसा बहुत आसानी से निकाला जा सकता है।
PF निकालने की प्रक्रिया
अपने प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) से निकासी करने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा आप लोकल EPFO ऑफिस (Local EPFO Office) जाकर भी एक फॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं. फंड का कुछ हिस्सा निकालने के लिए आपको एक सेल्फ अटेस्टेड फॉर्म भरना होगा. ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आपको EPF की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. इस वेबसाइट पर आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) एक्टिवेटेड होना चाहिए. साथ ही इसमें आधार, पर्मानेन्ट अकाउंट नंबर (PAN) और बैंक अकाउंट लिंक होना चाहिए।
पीएफ निकासी इनकम टैक्स के नियम
कर्मचारी को यदि किसी कंपनी में सेवाएं देते 5 साल पूरे हो जाते हैं और वो PF निकालता है तो उस पर इनकम टैक्स की कोई लायबिलिटी नहीं होती। 5 साल की अवधि एक या इससे ज्यादा कंपनियों को मिलाकर भी हो सकती है। एक ही कंपनी में 5 साल पूरे करना जरूरी नहीं। कुल अवधि कम से कम 5 साल होना जरूरी होता है। यदि किसी कर्मचारी की खराब सेहत, बिजनेस बंद होने या ऐसे किसी दूसरे कारण से नौकरी जाती है और 5 साल की अवधि पूरी हो पाती, तब भी उस पर इनकम टैक्स लायबिलिटी नहीं होती। पांच साल की अवधि पूरी न होने पर टीडीएस और टैक्स 10% कटता है। 50 हजार या इससे ज्यादा अमाउंट है और अवधि पांच साल से कम है तो फॉर्म 15जी या 15एच जमा कर टीडीएस से बचा जा सकता है।
रिटायरमेंट से पहले निकालना चाहिए PF?
हर महीने कर्मचारी और नियोक्ता एक तय रकम इस फंड में जमा करते हैं. जानकारों का मानना है कि इस फंड को मैच्योरिटी से पहले नहीं निकालना चाहिए. क्योंकि, इससे रिटायरमेंट के बाद जोखिम बढ़ सकता है. ऐसे में अगर आप रिटायरमेंट के लिए जमा रकम की मदद से घर खरीदते हैं या किसी दूसरे खर्च में इस्तेमाल करते हैं तो रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को फाइनेंशियली कमजोर करते हैं।