राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर आज सीबीआई की टीम छापेमारी के लिए पहुंची। बताया गया है कि सीबीआई ने यह कार्रवाई जमीन के बदले नौकरी मामले में की है। इससे पहले लालू, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत 14 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने समन भेजा था। सीबीआई ने समन में इन लोगों को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। 14 साल पुराने इस मामले में लालू यादव और उनके परिवार ने कथित तौर पर 7 लोगों को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दी थी।
क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला ?
केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था. एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों द्वारा “अनुचित हड़बड़ी” में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर समूह डी पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में, “व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी”.
मामले में 14 लोगो को भेजा था समन।
इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव व हृदयानंद का भी नाम शामिल है। भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। लालू यादव 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री थे, उस दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे। यह मामला लालू के परिवार को तोहफे में या बेची गई जमीन के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। आरोप है कि 7 लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई थी, जिसमें 2 जमीनें लालू के परिवार को गिफ्ट की गई थीं, जबकि बाकी 5 जमीनें काफी कीमत पर खरीदी गई थीं।
केंद्र से मिली थी मंजूरी।
सीबीआई को जनवरी में ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्र की मंजूरी मिली थी. सीबीआई ने पिछले साल सात अक्टूबर को लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में कथित नियुक्ति के बदले में लालू के परिवार के सदस्यों को जमीन उपहार में देने या बेचने को लेकर चार्जशीट दाखिल की थी.