मध्य प्रदेश में अभी तक राजनीति में जो नहीं हुआ है, वह अब देखने को मिल रहा है. जिस प्रदेश में पहले भावी सरकार की बात की जाती थी अब वहां भावी मुख्यमंत्री की बात की जाने लगी है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कई ऐसे नेता हैं जो खुद को भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं. हालांकि, अभी बीजेपी और कांग्रेस (Congress) दोनों में मुख्यमंत्री पद की डगर आसान नहीं है.
मध्यदेश की राजनीति इतनी पेचीदा नहीं कि उसको समझने के लिए ज्यादा माथापच्ची करने पड़ेगा। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता भले चाहे चुप रहते हैं लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा में बढ़ती रहती है तो वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस में कई नेता है कमलनाथ की बात करे जीतू पटवारी की बात करें या और भी कई नेताओं की बात की जाए लेकिन फिर भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में खुलकर बोलती हुई राजनीति नजर आती है । मध्य प्रदेश में 15 महीने में कमलनाथ की सरकार रही लेकिन खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए ऐसा कहा गया कि बीजेपी ने नेताओं को खरीदा और एक बार फिर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाई।। बीजेपी की सरकार में शिवराज सिंह चौहान 3 पारी मुख्यमंत्री की पार कर चुके हैं। कई नेताओं के नाम भी लिए जा रहे थे कैलाश विजयवर्गीय हुआ नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सामने आया था तो वही नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी लगातार सामने आ रहा था लेकिन एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने उस समय बाजी मारी जब उसके पूर्व में भी दो बार मुख्यमंत्री रह चुके थे।। लेकिन बीजेपी में कुछ बदलाव नहीं मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान का नाम सामने रखा गया और मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें देखा गया है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को काफी पसंद किया गया लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में वह जाने जाते हैं मामा के रूप में वह जाने जाते हैं और मध्यप्रदेश को कई सौगात दी
आज एक बात लगातार पूछ रहा है कि वह बेरोजगार है सरकारी नौकरी नहीं है रिक्त पड़े हुए पदों को कब भरा जाएगा और मामा इस पर बात करने को तैयार ही नहीं है। चुके कमलनाथ की सरकार में भी कोई खासा काम नहीं हुआ उसमें भी युवा बेरोजगार ही रहा लेकिन एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजनीति में गर्माहट नजर आ रही है। तरीके के प्रयास लगाए जा रहे हैं इस बार का मुख्यमंत्री आखिर कौन होगा।
विधानसभा चुनाव 2023 (MP Assembly Election 2023) में किसकी सरकार बनेगी? यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन जिसकी भी सरकार बनेगी उसका मुख्यमंत्री पहले से ही तय हो गया है. कांग्रेस जहां दावा कर रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के नेतृत्व में चुनाव होगा. वहीं मुख्यमंत्री पद की कुर्सी भी कमलनाथ ही संभालेंगे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के समर्थक उन्हें भी भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं.
भारतीय जनता पार्टी का चेहरा कौन होगा।।
दूसरी तरफ यदि भारतीय जनता पार्टी की बात की जाए तो यहां पर भी चेहरों की कमी नहीं है. विधानसभा चुनाव भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के नेतृत्व में लड़ा जाए, लेकिन सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके शिवराज सिंह चौहान के लिए आगे का कार्यकाल चुनौती भरा रहने वाला है. अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तब भी विधायक दल के नेता के रूप में उसी को चुना जाएगा जिसे हाईकमान तय करेगा. हालांकि, पर्दे के पीछे की पॉलिटिक्स से जनता भी वाकिफ है.
कांग्रेस में कौन दावेदार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की दावेदारी को भी नहीं नकारा जा सकता है. इसके अलावा आदिवासी नेता के रूप में कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) भी प्रबल दावेदार मानें जाते हैं. कांतिलाल भूरिया पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. यदि और बात की जाए तो नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Govind Singh Rajput) भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं. दूसरी पंक्ति के नेताओं की बात की जाए तो सज्जन सिंह वर्मा, अरुण यादव, सुरेश पचौरी सहित कई नाम शामिल हैं.
दो पार्टी ही सक्रिय रही
अगर मध्य प्रदेश में राजनीतिक पार्टी की बात की जाए तो यहां पर दो पार्टी हमेशा सक्रिय नजर आती है बीजेपी और कांग्रेस मध्य प्रदेश के लोगों ने दो पार्टियों पर ही अपना भरोसा जताया है लेकिन हाल ही में आम आदमी पार्टी भी चुनाव में मध्यप्रदेश में देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी भी यहां पर बीजेपी कांग्रेस को पछाड़ पाएगी।।