वृद्धाअवस्था हर इंसान के जीवन का मानसिक और शाररिक तौर से बेहद नाज़ुक दौर होता है। इस समय इंसान को अपनों के प्यार के साथ साथ खास देखभाल की भी आवश्यकता होती है। हमारे देश में बुजुर्गों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सरकार द्वारा भी अभी तक बुजुर्गो के लिए वो सुविधाएं नहीं दी गई जो दी जानी चाहिए । साथ ही देश का हर वो परिवार जिसके घर में बुजुर्ग दादा -दादी , माता – पिता है पारिवारिक रूप से भी उनका खास ख्याल रखे पर आज के दौर में नज़ारा उलट है। कही ना कही हम सबको बुजुर्ग होते इंसान की मानसिक स्थिति को समझने की आवश्यकता है।
कितनी है देश में बुजुर्गो की आबादी
भारत की आबादी आज 1 अरब 40 करोड़ के करीब है जिसमें से 10.1 फीसदी आबादी बुजुर्गों की है. यानी 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी. NSO के आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में देश में बुजुर्गों की आबादी 13 करोड़ 80 लाख थी जो कि अगले एक दशक में यानी साल 2031 तक 41 फीसदी बढ़कर 19 करोड़ 40 लाख हो जाने का अनुमान है।
बुजुर्गों की जरूरतें
उन्हें सुना जाए- बूढ़े होते इंसान की कुछ ख्वाइशों में से एक ये भी है की उन्हें सुन लिया जाए। अच्छा -बुरा , सही -गलत के ज्ञान से परे बस उन्हें सुना जाए। उनके जीवन के सारे अनुभव और ज्ञान मात्र उन्हें सुन लिए जाने से उनके लिए सार्थक हो जाते है पर आज के दौर की विडंबना है की बैठकर सुनने का समय किसी के पास नहीं है। हर कोई चाहता है की उसे समझ लिया जाए पर सुनकर समझना कोई नहीं चाहता। और अगर सुन भी ले तो सही और गलत के टैग के साथ जो अक्सर विवाद की स्थति पैदा करते है।
उनका ख्याल रखे पर बिना जताए –
आज का दौर जितना तकनीक से घिरा हुआ है पिछला समय वैसा कभी नहीं था। उस समय हर छोटे से छोटे काम के लिए इंसानी मेहनत लगती थी इसलिए आज के दौर के वृद्ध एक समय में स्वतंत्र जीवन जीते थे जो अपने हर छोटे से छोटे काम के लिए खुद पर निर्भर रहते थे पर आज चाहे कोई बीमारी या बुढ़ापे की वजह से जब वह अपने छोटे छोटे कामो के लिए निर्भर तो ये बात उनके काम करने वालो से ज्यादा उन्हें मानसिक रूप से परेशान करती है इसलिए जब भी आप उनकी मदद करे तो ये अहसास दिलाए करिये की ये आपका प्यार है ना की कोई मदद।
बिन बोले कुछ पैसे उन्हें देते रहिए –
भले ही आप उनके सारे खर्च उठा ले पर फिर भी उनके हाथ में कुछ पैसे अक्सर रखे। कहते है बूढ़ा इंसान और बच्चा एक ही तरह का होता है जैसे आप अपने बच्चो के खर्च के लिए उन्हें पैसे देते है वैसे ही घर के बुजुर्गों को कुछ पैसे हमेशा दे। यकीं मानिए उनका खर्चा आपसे बेहद कम है और आपके द्वारा दिए गए 50 रूपए को भी कई साल चला सकते है।
चाहते है थोड़ा सा मान सम्मान –
एक वृद्ध इंसान अपना पूरा जीवन का अनुभव समेटे वृद्धा अवस्था में लेकर बैठता है। यहाँ बस अपने छोटो से वह यह उम्मीद करता है की वह उन्हें थोड़ा सम्मान दे। जरुरी नहीं है वो सही हो पर उनसे किसी काम से पहले महज पूछ लेना उन्हें कई गुना ख़ुशी दे सकता है। बीते हुए उनके समय का परिणाम उनके लिए उनका परिवार ही है इसलिए जब उन्हें अहमियत मिलती है तो उनके लिए उनका हर संघर्ष सफल हो जाता है।
सरकार को ध्यान देने की जरूरत
सभी निश्चित उम्र के बुजुर्गो को मिले पेंशन
बुजुर्गों के लिए 24*7 उपलब्ध हो हेल्प लाइन नंबर
बुजुर्गों को फिजिकली और सोशली एक्टिव रखने के लिए आयोजित करे कैंपेन
मुफ्त में उपलब्ध हो स्वास्थ्य सेवाएं
ओल्ड ऐज होम में वृद्धों के साथ की जाए हर महीने मीटिंग