बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री किसी न किसी वजह से सुर्खियों में आ ही जाते हैं। आज के समय में उनके लाखों भक्त हैं। हालांकि कुछ लोग उनके ज्ञान पर सवाल भी खड़े करते हैं। अब जानकारी सामने आ रही हैं कि बाबा के ऊपर फिल्म बनने जा रही है। इस फिल्म का नाम द बागेश्वर सरकार होगा, जो कि नॉस्ट्रम एंटरटेनमेंट हब के बैनर तले होगा। इस फिल्म का डायरेक्शन विनोज तिवारी करने वाले हैं।
बागेश्वर धाम सरकार पर फिल्म।
फिल्म बागेश्वर धाम सरकार को हिंदी समेत कई भाषाओं में बनाया जाएगा, जिसके निर्माता नॉस्ट्रम एंटरटेनमेंट हब हैं. वहीं इस फिल्म को विनोद तिवारी डायरेक्ट कर रहे हैं. डायरेक्टर विनोद ने इस फ़िल्म को बनाने के पीछे के अपने मकसद के बारे में बात करते हुए कहा पंडित धीरेंद्र शास्त्री की दुनिया भर में चाहने वाले हैं जिसके बाद फ़िल्म बनाने का फैसला लिया गया है।
क्या होगा फिल्म में खास
विनोद तिवारी का कहना है कि इस फिल्म में बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के संघर्षों के बारे में बताया जाएगा. इस फिल्म के माध्यम से एक परोपकारी व्यक्ति के आदर्शों को समाज तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. विनोद तिवारी ने आगे कहा कि बागेश्वर महाराज देश विदेश में सनातन धर्म के लोगों को साथ जोड़ रहे हैं ये बड़ी खुशी की बात है. इससे मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं।
कौन हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों के लिए आस्था का एक केंद्र बन चुके हैं. यहां तक कि कुछ लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी बताते हैं. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति अपनी अर्जी बागेश्वर धाम में लगाता है, बाबा बागेश्वर महाराज उनकी सभी समस्याओं को एक कागज में लिखकर उसका उपाय बताते हैं. वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पड़ने वाले प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर तथा पुजारी हैं. वे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
शुरू हुई फिल्म की शूटिंग
वहीं अब विनोद धीरेंद्र शास्त्री पर फिल्म लेकर आएंगे। द कन्वर्जन फिल्म लव जिदाह के मुद्दे पर बनी थी। इस फिल्म में विंध्या तिवारी, प्रतीक शुक्ल, रवि भाटिया और मनोज जोशी ने एक्टिंग की है। बाबा बागेश्वर पर बनी इस फिल्म को हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में भी रिलीज किया जाएगा। वहीं हाल ही में बागेश्वर धाम वाले बाबा बिहार के पटना गए थे। वहां उनका दरबार लगा था। उन्हें सुनने के लिए लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे थे।