नकाब में खाना खाने पर बोलीं ‘दंगल’ गर्ल। कहा- यह हम आपके लिए नहीं करते।

zaira wasim

दंगल’ गर्ल जायरा वसीम ने सालों पहले फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था। 30 जून साल 2019 को जायरा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट साझा कर सभी को हैरान कर दिया था। इसके बाद से अदाकारा ने अपने इंस्टा पर कोई पोस्ट साझा नहीं किया है। अब एक बार भी जायरा चर्चा में आ गई है।  दरअसल इस वक्त जायरा वसीम उस पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने खाना खाने के दौरान नकाब पहनने को लेकर अपनी चॉइस पर कुछ तीखी बातें कही हैं। इस पोस्ट में जायरा ने नकाब पहनकर खाना खाने को अपनी च्वाइस बताया है।

क्या बोलीं जायरा वसीम

दरअसल सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक लड़की एक हाथ से नकाब पकड़े है और दूसरे हाथ से खाना खा रही है। इस फोटो पर एक शख्स ने कैप्शन लिखा- क्या यह एक ह्यूमन बींग की च्वाइस है? जायरा वसीम ने इस सवाल का बड़ा ही तीखा जवाब देते हुए लिखा, ‘मैंने हाल ही में एक शादी अटेंड की। मैंने भी बिल्कुल इसी तरह से खाना खाया। यह साफ तौर पर मेरी अपनी चॉइस थी। जबकि मेरे चारों ओर सभी लोग मुझे घूर रहे थे कि मैं अपना नकाब हटाऊंगी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। यह हम आपके लिए नहीं करते, इससे डील करना सीखिए।’

लोगों ने किया है जायरा को सपोर्ट

जायरा के कई फॉलोअर्स ने उनके इस पोस्ट पर कॉमेंट किया है। एक ने कहा है- डील विद इट, बिल्कुल सही, आपका जवाब बहुत पसंद आया। एक अन्य यूजर ने कहा- आप बेस्ट हो, अल्लाह आप जैसी दूसरी बहनों को भी हिदायत दे।

कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब के प्रतिबंध पर बोली थीं जायरा

इससे पहले हिजाब वाले मामले पर जायरा वसीम ने कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब के प्रतिबंध पर आलोचना की थी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, ‘विरासत में मिला हिजाब एक चॉइस है तो यह एक गलत जानकारी है। यह एक प्रकार की धारणा है जिसे सुविधा अनुसार बनाया गया है।’

‘हिजाब इस्लाम में एक ऑप्शन नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है’

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, ‘हिजाब इस्लाम में एक ऑप्शन नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है। एक महिला जो हिजाब पहनती है, वह उस जिम्मेदारी को पूरा कर रही होती है जो उसे ऊपरवाले की तरफ से दिया गया है जिससे वह प्यार करती है। मैं भी इसे आभार और सम्मान के साथ पहनती हूं। मैं इस सिस्टम का विरोध करती हूं जहां धर्म के नाम पर महिलाओं को ऐसा करने से रोका जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा और हिजाब के बीच किसी एक को चुनना है या फिर उसे छोड़ना है, ये अन्याय से भरा है।’

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