झूठ बोलना बहुत लोगों को साधारण लगता है लेकिन सच कह तो झूठ बोलना साधारण बिल्कुल नहीं है झूठ बोलना बहुत कठिन है और झूठ बोलने के लिए मानसिक तौर पर काफी मेहनत करनी पड़ती है.झूठ बोलने की आदत तनाव एवं अवसाद जैसे मानसिक समस्याओं अलवर गला खराब होने या सर दर्द जैसी सारी समस्या ऑन का कारण हो सकती है झूठ बोलने की आदत न केवल नैतिक तौर पर बल्कि मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है.
शोधकर्ताओं के अनुसार पाया गया है कि जो लोग कम झूठ बोलते हैं या नहीं बोलते हैं वह अपेक्षाकृत अधिक स्वस्थ रहते हैं और ज्यादा जीते हैं. औसतन दिन में तीन बार झूठ बोलने पर चार तरह की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कई शोधों में यह पाया गया है कि झूठ बोलना हमारे शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है जैसे
झूठ बोलने से तनाव बढ़ता है: एक शोध में पाया गया कि झूठ बोलने वाले लोगों के शरीर में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर अधिक होता है.झूठ . एक अन्य शोध में पाया गया कि झूठ बोलने वाले लोगों में रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं. झूठ बोलने से चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. झूठ बोलने से हमारे रिश्ते खराब हो सकते हैं और हमें समाज में अलग-थलग कर सकता है.
कुछ शोधों के संदर्भ जिन्होंने झूठ बोलने के प्रभावों का अध्ययन किया है
The Physiological Effects of Lying” (झूठ बोलने के शारीरिक प्रभाव) – यह शोध 2012 में प्रकाशित हुआ था और इसमें पाया गया कि झूठ बोलने से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है.
“The Relationship Between Lying and Health” (झूठ बोलने और स्वास्थ्य के बीच संबंध) – यह शोध 2018 में प्रकाशित हुआ था और इसमें पाया गया कि झूठ बोलने वाले लोगों में स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं.
“The Effects of Lying on Mental Health” (झूठ बोलने के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव) – यह शोध 2015 में प्रकाशित हुआ था और इसमें पाया गया कि झूठ बोलने से चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
“The Impact of Lying on Relationships” (झूठ बोलने के रिश्तों पर प्रभाव) – यह शोध 2019 में प्रकाशित हुआ था और इसमें पाया गया कि झूठ बोलने से रिश्ते खराब हो सकते हैं.इन शोधों के अलावा, कई अन्य शोधों ने भी झूठ बोलने के प्रभावों का अध्ययन किया है.