आपको बतादें की उत्तर पूर्वी अफ़्रीका में बसे सुडान में अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स और सेना के बीच लडाई का मंजर अभी जारी है. बताया जा रहा है की सुडान के अलग अलग हिस्सों में तकरीबन 3000 भारतीय अभी फसें हुए है. जानकारी के मुताबिक ये पता चला है की इन लोगों में करीब 180 लोग कर्नाटक के हक्क्ी पिक्की जनजाती से है. आपको बतादें की ये समुुदार भारत में पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में पाया जाता है और ये लोग ज्यादातर जंगलों में बसते है. ये समुदाय पक्षी पकड़ने और शिकार करने का काम करते है.
एक रिपोर्ट से ये सामने आया है की ये समुदाय पहले पक्षी पकड़ने का काम किया करता था. लेकिन जैसे ही इस काम पर रोक लगी तो इस जनजाती ने पांव में दर्द. सिर में दर्द या फिर गैस इत्यादि से संबंधित बिमारियों के लिए दवाईयां और जड़ी.बूटियों बेचने का कार्य शुरू कर दिया. आपको बतादें की ये लोग पेड़ पौधों की मदद से इन जड़ी बूटियों को तैयार करते है. जिसके साथ साथ ये जनजाती तेल निकालने का काम भी करती है.
बताया गया की ये समुदाय अपना ये सारा सामान अफ़्रीका के देशों, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में बेच देते है.
इसके साथ ही आपको बतादें की भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची हालही में एक ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है की सुडान में फसें लोगों को लेने के लिए भारत से पहला जत्था रवाना कर दिया गया है. उन्होनें इस ट्वीट में ये जानकारी लिखते हुए बताया की सूडान पोर्ट से जेद्दाह के लिए आईएनएस सुमेधा 278 लोगों के साथ निकल चुका है.
आपको बतादें की सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर बात करते हुए बताया की ऑपरेशन कावेरी को जारी कर दिया गया है जिसें थी सुडान में फसें भारतीयों को लाने के लिए बनाया गया है. उन्होनें ये भी बताया की 500 से ज्यादा भारतीय लोग सुडान के बंदरगाह पर पहुंच चुके है और इसके साथ ही काफी लोग रास्ते में है. जिनके लिए भारत से जहाज और एयरक्राफ़्ट तैयार किए जा रहे है.