चीफ जस्टिस और सीनियर वकील के बीच हुई तीखी बहस। चीफ जस्टिस ने कहा कोर्ट से बाहर जाइए।

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चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखने को मिली। वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह को चीफ जस्टिस ने आवाज ऊंची न करने और अदालत से बाहर जाने को कह दिया को कह दिया।

ज़मीन आवंटन से जुड़े मामले पर बहस

वरिष्ठ वकील और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बार के एक मामले को सातवीं बार मेंशन करते हुए सीजेआई से कहा कि बार की सुविधाओं से जुड़े सुप्रीम टावर बनाने को लेकर वो छह बार इस कोर्ट में मेंशन कर चुके हैं लेकिन अदालत सुनवाई नहीं कर रही है. हार कर उन्हें सीजेआई के आवास के सामने धरना देना पड़ेगा. विकास सिंह ने कहा कि इसे लेकर वह मुख्य न्यायाधीश को पत्र भी लिखा था लेकिन मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा ‘अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए’

सिंह ने कहा, ‘एससीबीए की याचिका पर अप्पू घर की जमीन सुप्रीम कोर्ट को मिली और एससीबीए को बेमन से केवल एक ब्लॉक दिया गया. पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमण के कार्यकाल में इस जमीन पर निर्माण शुरू होना था. पिछले 6 महीने से हम मामले को लिस्टेड कराने की जद्दोजहद में लगे हैं. मुझे एक साधारण वादी की तरह समझा जाए.’ तब चीफ जस्टिस ने कहा, ‘आप इस तरह जमीन नहीं मांग सकते. आप हमें एक दिन बताइए जब हम पूरे दिन बेकार बैठे हों.’

CJI चंद्रचूड़ ने कहा ‘मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए. अध्यक्ष के रूप में आपको बार का संरक्षक और नेता होना चाहिए. मुझे दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट को आवंटित जमीन चैंबर के निर्माण के लिए बार को दे देनी चाहिए. हम मामले के आने पर इसे देखेंगे. आप अपने हिसाब से हमें चलाने की कोशिश मत कीजिए.’

चीफ जस्टिस ने कहा आप कोर्ट को डरा नहीं सकते।

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि आप यह न सोचें कि हमारी बेंच डर जाएगी। इस तरीके से कभी किसी ने अपमान नहीं किया है और अपने करियर के आखिरी 2 सालों में मैं ऐसा होने भी नहीं दूंगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा- मैंने अपना फैसला सुना दिया है और कृपया कोर्ट से निकल जाइए। अब इस पर 17 मार्च को बात होगी और यह आइटम नंबर वन भी नहीं होगा। इसपर विकास सिंह ने कहा- Milord! जिसपर CJI ने कहा, आइटम नंबर 1 नहीं होगा। आपके साथ भी सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाएगा।

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