भारत विश्व में सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। सरकार ने चीनी मिलों को मई तक 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी थी। पर फिलहाल भारत सरकार चीनी के निर्यात का कोटा नहीं बढ़ाने वाली है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी उत्पादन में कमी के चलते सरकार चीनी उत्पादन के निर्यात का कोटा नहीं बढ़ाएगी। सरकार का या फैसला देश में चीनी की कीमतों में इजाफा ना हो इसे देखते हुए किया गया है।
गन्ना अधिकारियों के साथ की बैठक
जानकारी के अनुसार सरकार ने सभी इलाको के गन्ना अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस बैठक में चीनी के उत्पादन में कमी पर विचार हुआ साथ ही चीनी के निर्यात के कोटे में वृद्धि नहीं करने का फैसला लिया गया है।
सरकार ने चीनी के निर्यात को 60 लाख टन करने की जो घोषणा की थी अब चीनी के उत्पादन को देखते हुए निर्यात का कोटा नहीं बढ़ाया जायेगा।
अंतराष्ट्रीय बाजार में बढ़ सकती है कीमते
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार द्वारा चीनी निर्यात में कमी अंतरास्ट्रीय बाजार में शुगर की कीमतों में इजाफा कर देगी। साथ ही इसके उपयोग से बनने वाली चीज़ो की कीमतों में भी तेज़ी देखने को मिलेगी।
एआईएसटीए ने चीनी उत्पादन में कमी बताई
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने कहा, ‘‘वर्ष 2022-23 सत्र के दौरान भारतीय चीनी उत्पादन करीब तीन करोड़ 45 लाख टन रहने का अनुमान है.” इसके अलावा महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 2022-23 सत्र में 1.24 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले सत्र के 1.37 करोड़ टन से कम है. इसका कारण गन्ने की पैदावार 9-10 टन प्रति हेक्टेयर कम होने का अनुमान है।
सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात की दी थी अनुमति
सरकार ने विपणन वर्ष 2022-23 में चीनी मिलों को मई तक 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है. पिछले विपणन वर्ष में इन मिलों ने लगभग 112 लाख टन चीनी का निर्यात किया था, जो अब तक का सर्वाधिक निर्यात है। 15 जनवरी, 2023 तक चीनी का उत्पादन 156.8 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह उत्पादन 150.8 लाख टन था।