
सनी देओल और अमीषा पटेल की जोड़ी फिर से स्क्रीन पर चमक रही है उनकी आने वाली फिल्म ‘गदर-2’ के साथ। इस बार ‘गदर’ के निर्माता और निर्देशक अनिल शर्मा फिर से हमें एक शानदार कहानी के साथ प्रस्तुत करने का वादा करते हैं। फिल्म में सनी देओल के बेटे जीते के बेटे उत्कर्ष शर्मा भी अपने एक्टिंग दम से दिखाएंगे। उत्कर्ष ने अपनी खास मुलाकात में खुद बताया कि फिल्म में उनका किरदार कैसा है और उन्होंने फिल्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें भी साझा कीं।
एक्शन सीन्स के लिए वेट कम करने से लेकर बढ़ाया तक
वेट के साथ थोड़ा खेलना पड़ा। जीते के किरदार की उम्र अब 20-21 साल की है। इसके लिए मैंने अपने वेट को कम किया। बाद में कुछ एक्शन भरपूर पोर्शन के लिए फिर से थोड़ी मस्कुलर बिल्डिंग की। एक्शन की पूरी मेहनत की गई। फिल्म में चार-चार एक्शन मास्टर्स हैं, सभी के साथ मेंने मेहनत की। पहले दो-ढ़ाई महीनों में मैंने 8 से 9 किलो वजन बढ़ाया। यह बहुत आवश्यक था, क्योंकि सभी अभिनेताओं की डेडलाइन तय हो चुकी थी और शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली थी। फिर एक्शन सीन के लिए तीन-चार किलो मस्कुलर टिश्यू भी बढ़ाने पड़े। ढाई-दो महीने तक दाढ़ी को भी बढ़ाने की आवश्यकता पड़ी, क्योंकि विभिन्न लुक में प्रस्तुत किया जाना था।

फिल्म की सबसे बड़ी चुनौती क्या
‘गदर-2’ ने नयी राहें चुनी जब इसने अपनी स्क्रिप्ट की मशीनरी चलाई। परियों की कहानियों के बावजूद जब सच्चाई की ओर रुख किया गया, तो यह कहानी अपने आप में एक मजबूत उत्तेजना लाई। पापा की लगातार कोशिशों ने इस फिल्म को सच्चाई की ओर ले जाने के लिए उनकी मेहनत को साबित किया। यह कहानी न केवल अपने किरदारों के जज्बातों में बल्कि दर्शकों के दिलों में भी एक विशेष जगह बना ली। ‘गदर-2’ ने सिखाया कि रियलिटी को ग्लैमर से कैसे जोड़ा जा सकता है और उसमें भरपूर मास्टरस्ट्रोक कैसे डाला जा सकता है।
एक्शन सीन शूट करते हुए दो बार टांगें टूटीं
इस समय मेरे साथ कुछ अनोखा हुआ। वह दिन यादगार है जब मैंने अपने आरंभिक करियर के एक महत्वपूर्ण मोमेंट का सामना किया। वह दिन जब मेरी टांगें दो बार टूटीं। यह सब उन 400 जूनियर डांसर्स के साथ पालमपुर में एक महान मेजर डांस सीक्वेंस की तैयारी के दौरान हुआ। वह पांच दिनों तक की शूटिंग की तैयारी और गाने की सीधी पूरी तैयारी के बाद का मोमेंट था। हम सभी बस उस सीक्वेंस को परफेक्ट बनाने में व्यस्त थे, जब हमारी केबल वालों के साथ मिस कॉर्डिनेशन अचानक खो गई और मैं गिर गया और मेरी टांग टूट गई। हमारे पास समय कम था, लेकिन हम अस्तित्व को मानकर त्वरित निर्णय लेने के लिए अस्पताल गए, जहां डॉक्टर ने मुंबई जाने की सिफारिश की और शूटिंग को रीस्क नहीं करने की सलाह दी। उनकी सलाह पर हमने गाने की शूटिंग को पुनर्निर्धारित किया और नई कोरियोग्राफी के साथ उस सीक्वेंस को फिर से तैयार किया। इस अनोखे पल में, मैंने न सिर्फ अपने शारीरिक दर्द का सामना किया, बल्कि अपनी आत्म-समर्पण की भी महत्वपूर्णता को समझा।