किरेन रिजिजू के स्थान अर्जुन राम मेघवाल को प्रभार सोपा

WhatsApp Image 2023 05 18 at 1.01.36 PM

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अर्जुन राम मेघवाल को किरेन रिजिजू के स्थान पर उनके मौजूदा विभागों के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया गया है। अब अर्जुनराम मेघवाल यह जिम्मेदारी संभालेंगे और रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट में बड़े फेरबदल किए गए हैं, उसी के तहत किरण रिजिजू का मंत्रालय बदला गया है।

अर्जुनराम मेघवाल को कानून और न्याय मंत्रालय का मिनिस्टर ऑफ स्टेट बनाया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने यह फैसला किया है। विज्ञप्ति के अनुसार, मेघवाल को किरेन रिजिजू के स्थान पर उनके मौजूदा विभागों के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।

अर्जुन राम मेघवाल ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में किरेन रिजिजू की जगह ली है। राष्ट्रपति भवन की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मेघवाल को किरेन रिजिजू के स्थान पर उनके मौजूदा विभागों के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है। मेघवाल वर्तमान में संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है, “पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार किरेन रिजिजू को सौंपा गया है। ” केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। रिजिजू को जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह कानून मंत्री नियुक्त किया गया था। रिजिजू पिछले काफी समय से न्यायिक नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ अपनी टिप्पणियों को लेकर काफी चर्चाओं में रहे हैं।

उन्होंने बार-बार जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को अपारदर्शी, संविधान से अलग और दुनिया में एकमात्र प्रणाली बताया जो जजों के तौर पर अपने परिचितों को नियुक्त करती है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कोई टकराव नहीं है, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि न्यायाधीशों को न्यायिक आदेशों के माध्यम से नियुक्त नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसकी जिम्मेदारी सरकार के पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक नियुक्ति न्यायापालिका का काम नहीं है, बल्कि उसका काम कोर्ट के मामलों को देखना है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को न्यायपालिका और कॉलेजियम पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और रिजिजू की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। धनखड़ ने भी कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top