किताबे सबसे अच्छी दोस्त होती हैं।।ज्ञान और मार्ग दोनो बताती हैं।

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किताबें इंसान की सबसे बेहतरीन दोस्त होती हैं। उनका सामीप्य पूरी तरह से ईमानदारी भरा, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला और प्रगति की राह दिखाने वाला होता है। लेकिन इसमें बड़ा कारक होती है विषयवस्तु। जिससे आप तय कर पाते हैं कि आपको किस दिशा में आगे बढ़ना है और आपको रास्ते में किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। समय के साथ ही नई-नई किताबाें का दौर आता है, जिनको पढ़ने युवा पीढ़ी तेजी से उन्मुख होती है। शहर के किशोरवय आैर युवाओं की बात करें तो इन दिनों जेम्स क्लियर की किताब ‘एटामिक हैबिट्स’ की मांग जबर्दस्त है।

एटामिक हैबिट्स’ युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने और उन्हें तनाव और डिप्रेशन से बाहर निकलने का रास्ता दिखाती। बुक सेलरों का मानना है कि इन दिनों पढ़ने-लिखने वालाें की सबसे पहली पसंद यही किताब है। इस किताब में खुद के प्रबंधन एवं आंकलन के बड़े ही आसान तरीके सुझाए गए हैं। भारतीय प्रकाशकों की बात करें तो अमर चित्र और कथा प्रकाशन का नाम सबसे ऊपर आता है। ये प्रकाशन दशकों से कुछ न कुछ नया प्रस्तुत कर रहे हैं।

इन किताबों की भी मांग जबर्दस्त

राबर्ट टी कियोसाकी की ‘रिच डैड पुअर डैड’,हैक्टर गार्सिया की इकिगाई, जेम्स क्लियर की साइकोलाजी आफ मनी और डेविड जाजिन्स की ‘कान्ट हर्ट मी’ की भी मांग बहुत है। ये सारी किताबें युवाओं की पसंद-सूची में शीर्ष पर हैं। भारतीय लेखकों की किताबों की बात करें तो शिवाजी सावंत की छावा और अरूंधती राय की बुकर प्राइज विजेता ‘मामूली चीजों का देवता’ व ‘मृत्युंजय’ भी लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं। इनके साथ ही सुरेंद्र मोहन पाठक की ‘गैंग आफ फोर’, जयंती रंगनाथन की शेडो, नोटबंदी की कहानी बयां करती पुस्तक मनी कथा अनंता, पीओके भारत में वापस, नायिका जैसी कई अन्य किताबें भी सर्वकालीन बन चुकी हैं।

पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि शहर के अनिवासी भारतीयों की मांग और भी हटकर हैं। वो जब कभी शहर आते हैं तो उनकी मांग पिक्चराइज महाभारत, रामायण और श्रीमद् भागवत गीता होती है। एनआरआई अभिभावकों का कहना रहता है कि उनके बच्चे विदेशी संस्कृति में पल-बढ़ रहे हैं। ऐसे में उनका झुकाव रामायण, श्रीमद्भागवत गीता या महाभारत के प्रति उनके मूल स्वरूप में तो नहीं हो सकता। लेकिन उनको कामिक्स अंदाज में सचित्र उपलब्ध कराए जाने से वो मन लगाकर उसे पढ़ते हैं। विदेशों में रहकर भी अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने और सनातन नायकों के बारे में अवगत कराने एेसी किताबें बड़ी कारगर रहती हैं।

किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। नई पीढ़ी के जो बच्चे और युवा पढ़ने के शौकीन हैं उनको एटामिक हैबिट्स, साइकोलाजी आफ मनी, इकिगाई और रिच डैड पुअर डैड जैसी किताबें खूब भा रही हैं। इसके अलावा एनआरआई अभिभावक सचित्र धार्मिक किताबों को पसंद कर रहे हैं।

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