दिवालिया हो चुकी कंपनी को खरीदने के लिए पहले रेस में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनियां शामिल थी, लेकिन अब इन दोनों कंपनियों दिवालिया कंपनी को खरीदने से अपने कदम पीछे हटा लिया है. हालांकि इनके अलावा कई और इसे खरीदने के लिए फाइनल बिडिंग प्रॉसेस में शामिल हैं। इस दिवालिया कंपनी को खरीदने के लिए एक वक्त में भारी होड़ मची थी। कुछ वक्त पहले तक इस कर्ज में डूबी कंपनी की खरीदने के लिए एक-दो नहीं बल्कि 49 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। इस लिस्ट में रिलायंस, अडानी समूह जैसी बड़ी कंपनियों का भी नाम था, लेकिन अब वो इस रेस से बाहर हो गए हैं।
रेस से बाहर हुए अंबानी-अडानी
ईटी नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की दो सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की रिलायंस रिटेल और अडानी समूह अब बिग बजार के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की रेस से बाहर हो गए हैं। फ्यूचर ग्रुप को खरीदने के लिए अब 6 कंपनियां रेस में है। इस रेस से अंबानी और अडानी की कंपनी बाहर हो गई है। फ्यूचर रिटेल के लिए बोली की फाइनल राउंड के लिए सिर्फ छह कंपनियां ही सामने आई हैं। इसमें सबसे बड़ी बोली स्पेस मंत्रा कंपनी ने लगाई है।
49 कंपनियां थी रेस में
फ्यूचर रिटेल को खरीदने के लिए 49 कंपनियां रेस में थी। इन कंपनियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दिया था। फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने फ्यूचर रिटेल से 20 हजार करोड़ रुपये का क्लेम किया है। वहीं एनसीएलटी ने फ्यूचर ग्रुप को इस दिवाला समाधान के लिए 90 दिनों का वक्त किया है। इस कंपनी को खरीदने के लिए अब फाइनल राउंड के लिए छह कंपनियों ने बोली लगाई है।
20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का दावा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी को खरीदने के लिए 49 एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आए थे. सबसे पहले मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और गौतम अडानी की समूह ने आवेदन जमा किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंशियल क्रेडिटर्स की ओर से 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का दावा किया गया है।