पूरी दुनिया में पारंपरिक पेट्रोल-डीजल और सीएनजी जैसी गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक कारों को तेजी से अपनाया जा रहा है. चार्जिंग के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर न होने की वजह से इलेक्ट्रिक कार लेने के लिए अभी भी लोगों को कई बार सोचना पड़ता है. आने वाले समय में चार्जिंग की परेशानी को कम करने और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सरकार ने नए नियम जारी किये हैं.
इलैक्ट्रिक गाड़ियों की ओर जो रुझान देखने को मिल रहा हैं।वह यह भी सोचने पर मजबूर कर रहा हैं की गाड़ियों की चार्जिंग केसे होगी।पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दाम लगातार बढ़ने से अब इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुचि बढ़ रही है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दो साल में इन वाहनों की बिक्री भी दोगुना हो गई। अभी शहर में करीब ढाई हजार ईवी चल रहे हैं, लेकिन बड़ी परेशानी ये है कि इन्हें चार्ज करने के लिए कोई पब्लिक स्टेशन नहीं है।
वर्ष 2022 से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री संख्या हजार से भी कम थी। इतने इलेक्ट्रिक वाहन शहर में होने के बावजूद यहां एक भी पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। एक कार एक बार में चार्ज होने के बाद 200 से 300 किमी तक चलती है, वहीं ई-बाइक 80 से 90 किमी तक चलती है। इन वाहनों को चार्ज होने में कम से कम एक घंटा लगता है।
गाड़ी तो लेना आसान हैं। पर बिना चार्ज के कितने दूर तक चल सकती हैं।ऐसे में रास्ते में कहीं इन वाहनों को चार्जिंग की जरूरत पड़ जाए तो वाहन मालिक के सामने परेशानी ही हो जाती है। राज्य सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा तो दे रही है।
ऐसे में रास्ते में कहीं इन वाहनों को चार्जिंग की जरूरत पड़ जाए तो वाहन मालिक के सामने परेशानी ही हो जाती है। राज्य सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा तो दे रही है।
इसके लिए टैक्स में भी छूट दी जा रही है, लेकिन हाइवे सहित अन्य जगह चार्जिंग सुविधा नहीं मिलने से कई लोग अब भी इसे खरीदने में कतरा रहे हैं। दिसंबर 2022 तक झुंझुनूं में कुल 1602 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है, जिनमें से 4 कार और 1395 ई-बाइक हैं और 200 थ्री व्हीलर है।
वर्ष 2022 से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री संख्या हजार से भी कम थी। इतने इलेक्ट्रिक वाहन शहर में होने के बावजूद यहां एक भी पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन नहीं है।
एक बार में 200 से 300 किमी का सफर।
एक कार एक बार में चार्ज होने के बाद 200 से 300 किमी तक चलती है, वहीं ई-बाइक 80 से 90 किमी तक चलती है। इन वाहनों को चार्ज होने में कम से कम एक घंटा लगता है।
झुंझुनूं से बाहर यदि किसी को ईवी कार लेकर निकलना हो तो उनके लिए बहुत बड़ा रिस्क है, क्योंकि हाईवे पर भी इन्हें चार्ज करने की कोई व्यवस्था नहीं मिल पाएगी। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में झुंझुनूं के ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।