अरशद वारसी पर सेबी ने लगाया बैन। यूट्यूब के जरिए गुमराह करने का लगा आरोप।

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बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने बॉलीवुड एक्‍टर अरशद वारस पर सख्‍त कार्रवाई करते हुए अरशद सहित 45 यूट्यूबर्स को शेयर पंप एंड डंप योजना में दोषी पाया है। इन लोगों पर निवेशकों को गुमराह करने और शेयर बाजार को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है।

यह है मामला।

सेबी को शिकायत मिली थी कि कुछ इंटिटीज साधा ब्रॉडकास्‍ट लिमिटेड और शार्पलाइन ब्रॉडकास्‍ट के शेयरों की कीमतों में हेराफेरी कर रही हैं और इनकी बिकवाली बढ़ा रहीं. इसके बाद सेबी ने जांच शुरू की और पाया कि कुछ लोग इन कंपनियों के शेयरों का मूल्‍य गैरकानूनी तरीके से बढ़ा रहे थे. जब इनकी कीमत काफी ऊपर हो जाती तो अपने पास रखे शेयर बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा लेते. इस मामले में कई यूट्यूब वीडियो निवेशकों को गुमराह करने का काम कर रहे थे।

अरशद वारसी आरोपों पर दी सफाई।

सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि अरशद वारसी और उनकी पत्‍नी भी यूट्यूब चैनल के जरिये शेयर पंप एंड डंप का खेल चला रहे थे. मिडकैप और स्‍मॉलकैप स्‍टॉक्‍स के बारे में गलत जानकारी के जरिये निवेशकों को प्रभावित कर रहे थे और ज्‍यादा संख्‍या में लोगों को आकर्षित करने के लिए अपने चैनल पर पैसे देकर एड भी चलवाते थे. ताजा मामले में टीवी चैनल साधना ब्रॉडकॉस्‍ट को लेकर यूट्यूबर्स ने निवेशकों को गुमराह किया और उसके शेयरों की कीमत बढ़वाई. नेट प्रॉफिट तक पहुंचने ही इन लोगों ने शेयर बेचकर मुनाफा कमा लिया. सेबी का कहना है कि ऐसे यूट्यूबर्स पंप एंड डंप के जरिये ही महीने में 75 लाख रुपये तक कमा रहे थे. सेबी ने उनकी पत्‍नी के साथ इस बारे में हुई बातचीत को भी रिकॉर्ड किया है।

अरशद वारसी ने कितना कमाया।

सेबी के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि शेयर पंप एंड डंप मामले से अरशद वारसी ने करीब 29.43 लाख रुपये का मुनाफा कमाया, जबकि उनकी पत्‍नी मारिया ने 37.56 लाख रुपये का प्रॉफिट लिया. हालांकि, इसके बावजूद अरशद लोगों से इन खबरों पर यकीन न करने की अपील कर रहे हैं और उनका दावा है कि उन्‍हें शेयर बाजार के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

शेयर पंप एंड डंप योजना।

“पंप और डंप” स्कीम शेयर बाजार में हेरफेर का एक तरीका है जहां क्रिप्टोकरेंसी या किसी शेयर की अफवाहों के तहत बढ़ा दी जाती है और जैसे ही यह पीक पर पर पहुंचती है, इसकी कीमत गिर भी जाती है. निवेशक झूठे प्रचार में फंसकर शेयर खरीदना शुरू कर देते हैं यह सोचकर कि उन्हें अच्छा फायदा मिल रहा है. फिर, मांग में वृद्धि से क्रिप्टो/शेयरों की कीमत में तेजी से वृद्धि होने लगती है. एक बार जब यह रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाता है, पंपर्स उसे बेच देते हैं.

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