पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार के पास कर्मचारियों को अधिक पैसे देने के लिए अब फंड नहीं है.
संग्रामी जौथा मंच (संयुक्त संघर्ष मंच) सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न संगठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. अपनी मांग पर बड़े कर्मचारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं पश्चिम बंगाल में सरकारी काम भी ठप है
केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर DA देने की मांग
उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी उनका सिर भी काट दें, तब भी सरकार उन्हें अधिक DA नहीं दे सकती. राज्य में कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर DA देने की मांग कर रहे हैं.
ममता बनर्जी ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला देते हुए दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है.
कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है सरकार।।
पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे विपक्ष समर्थित विरोध प्रदर्शन बताते हुए नाराजगी जाहिर की. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार के पास कर्मचारियों को अधिक पैसे देने के लिए अब फंड नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी उनका सिर भी काट दें, तब भी सरकार उन्हें अधिक DA नहीं दे सकती.
पश्चिम बंगाल में संग्रामी जौथा मंच समेत कर्मचारियों के कई संगठन केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर DA की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मुद्दे पर ममता बनर्जी बजट सत्र में चर्चा के दौरान विधानसभा में बोल रही थीं. उन्होंने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला दिया. ममता ने दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है.
कौन सी सरकार कर्मचारियों को वेतन के साथ इतनी अधिक छुट्टियां दे रही है? मैंने सरकारी कर्मचारियों को 1.79 लाख करोड़ का डीए दिया है। हम वेतन के साथ 40 दिन की छुट्टियां देते हैं। आप क्यों केंद्र सरकार से तुलना कर रहे हैं? हम मुफ्त में चावल दे रहे हैं, लेकिन देखिए कि रसोई गैस की कीमत कितनी हो गई है? चुनावों के बाद उन्होंने कीतमें बढ़ा दीं?
बांकुड़ा में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र रुपये नहीं दे रहा है। बंगाल को हर समय वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजकोष में पैसा नहीं है। इसलिए जितना हो सके उतना महंगाई भत्ता दिया गया है।
क्या मेरा सिर काटने से संतुष्ट हो जाएंगे- ममता
सीएम ममता ने कहा, ”कर्मचारी कितना चाहते हैं? आपको कितने से संतुष्टी मिलेगी? मेरा सिर काट दें…उससे आप संतुष्ट हो जाएंगे? यदि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं, तो मेरा सिर काट दें. लेकिन सरकार आपको और नहीं दे पाएगी.” ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा जैसे बीजेपी शासित प्रदेशों में रिटायर कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है. लेकिन पश्चिम बंगाल में दी जा रही है.
ममता सरकार ने इस बार बजट में कर्मचारियों के DA को 3% बढ़ाने का ऐलान किया है. सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. इसमें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक ही, 1 मार्च, 2023 से कर्मचारियों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को उनके मूल वेतन पर 6% की दर से डीए अनुदान दिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि तीन प्रतिशत कम नहीं है। मैं जादूगर नहीं हूं कि छड़ी घुमाया और पैसा बरसने लगेगा। केंद्र सरकार बंगाल में राशन का रुपये काट रही है। वहीं दूसरी ओर डीए की मांग पर पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे सरकारी कर्मचारियों को ममता कैबिनेट में मंत्री उदय गुहा ने एक फेसबुक पोस्ट कर धमकी दी है कि अगर आप 20-21 को नहीं आएंगे तो 22 से घर पर बैठिएगा। तीन प्रतिशत डीए मिलने से कर्मचारी नाराज
उनका इशारा इस ओर था कि अगर दो दिनों का कार्य विराम होगा तो उसमें शामिल होने वाले लोगों को नौकरी से हटा दिया जाएगा। दरअसल कोर्ट के आदेश के बावजूद ममता बनर्जी की सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे रही। बजट में तीन प्रतिशत डीए देने की घोषणा की गई है लेकिन कर्मचारी इसे मानने को तैयार नहीं हैं और कह चुके हैं कि उन्हें भीख नहीं चाहिए। उसके बाद आंदोलनरत कर्मचारियों ने 20 और 21 फरवरी को दो दिनों के कार्य विराम की घोषणा की है जिसे लेकर चिंता बढ़ रही है। उस दिन राज्य भर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद रखने की चेतावनी दी है।