स्टूडेंट्स के लिए HP और गूगल मिलकर बना रहें हैं किफायती लैपटॉप

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HP and Google Chromebook :विश्व की लैपटॉप निर्मित बेहतर कंपनियों में अब गूगल भी शामिल हो गयी है। आपको बता दें कि सैमसंग के बाद अब गूगल भी भारत में लैपटॉप बनाने के निर्णय के बाद वैश्विक कंपनियों कि सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया है। हाल ही में गूगल द्वारा एक घोषणा कि गई है कि गूगल भारत में जल्द ही क्रोमबुक का निर्माण करेंगे। गूगल के CEO सुन्दर पिचाई ने इस घोषणा कि पुष्टि करते हुए पोस्ट में लिखा है कि हम भारत में HP के साथ मिलकर क्रोमबुक निर्मित करने का काम कर रहें हैं।

गूगल सीओ सुन्दर पिचई का ये भी कहना है कि भारत मेंक्रोमबुक बनाने वाले पहले निर्माता कपंनी हैं। और इस निर्माण से भारतीय छात्रों को सस्ते और सुरक्षित कंप्यूटर आसानी से उपलब्ध हो जायेंगे। हमारा HP के साथ मिलकर क्रोमबुक बनाने का फैसला भारत के गूगल यूजर्स को और भी ज्यादा सपोर्ट करने में मदद करेगा । इसके साथ ही गूगल अपने कॉम्पिटिटिव कंपनियों जैसे डेल और Asus जो Windows कंप्यूटरों बनाने वाली कंपनियों के साथ अच्छा कम्पटीशन भी करेगी।

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भारत में स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग करने से गूगल को यह लाभ होगा कि वह निरंतर स्टॉक उपलब्ध रख सकेगा और किसी भी आयात पर लग सकने वाले प्रतिबंधों से बच सकेगा। क्रोमबुक का निर्माण चेन्नई के पास फ्लेक्स लिमिटेड फेसिलिटी में होगा, जिसमें HP ने 2020 से लैपटॉप और डेस्कटॉप उत्पन्न करना शुरू किया था। HP के बयान के अनुसार, क्रोमबुक का उत्पादन 2 अक्टूबर से आरंभ हो रहा है और इसका विशेष ध्यान शिक्षा क्षेत्र पर है।

कंपनी का यह माना है कि अगर गूगल भारत में ही निर्माण करेगा तो वह ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा। बात यह है कि अगर स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग होती है क्रोमबुक तो इससे यूजर्स और कंपनी दोनों के लिए स्टॉक ख़त्म होने कि समस्या नहीं आएगी। कंपनी ने चेन्नई के पास अलेक्स लिमिटेड फैसिलिटी को लैपटॉप निर्माण के लिए चुना गया है। पहले HP 2020 से लैपटॉप और डेस्कटॉप का प्रोडक्शन कर रही है। लेकिन अब कंपनी ने 2 अक्टूबर से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए लैपटॉप बनाना शुरू कर दिया है।

गूगल से पहले सैमसंग को लेकर एक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि अक्टूबर से भारत में लैपटॉप निर्माण का आरंभ होगा। वास्तविकता में, इन कंपनियों ने टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्थानीय स्तर पर निर्माण की गति बढ़ाई है। प्रतिबंधों के साथ-साथ, सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फाइनेंसियल इन्सेन्टिव्स और टैक्स में छूट भी प्रदान कर रही है।

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