मध्यप्रदेश मैं अचानक हुए मौसम बदलाव को देखकर के किसानों को चिंता सता रही है। गर्मी के इस मौसम में जब बारिश का होना किसानों के लिए यह बड़ा बदलाव है।। इससे फसलों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी से फसलें बर्बाद हो गई हैं।
पक गई फसलों और खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है
जिले में बारिश के आसार
मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, भोपाल समेत कई जिलों में गेहूं-चने की फसलें बिछ गई हैं। सरकार ने सर्वे भी शुरू करा दिया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन यानी 9 मार्च तक तेज आंधी के साथ बारिश और ओले गिरने की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मार्च में पिछले 12 साल से बारिश का ट्रेंड रहा है। 2006 में एक ही दिन में पौने 2 इंच (44.7 मिमी) बारिश हुई थी। मंगलवार को भी भोपाल, इंदौर समेत करीब 30 जिलों में बारिश के आसार हैं
जगह जगह आंधी और तूफान से किसान की फसलों पर भारी नुकसान हैं गेहूं के इस सीजन में जहा किसान को थोड़ी राहत नजर आ रही थी तो अब प्रदेश में पिछले 3 दिन से मौसम बदला हुआ है। प्रदेश में लगभग आधे जिले तरबतर हो गए हैं। सोमवार को राजधानी भोपाल में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। मंदसौर शहर, मंदसौर जिले के पिपलियामंडी और मल्हारगढ़ में मक्के के आकार के ओले गिरे। यहां फसलों की डोडियां टूट गईं। अफीम की फसल पानी में धुलने से पत्ते भी टूट गए।
रतलाम के नगरा, प्रीतमनगर सहित कई इलाकों में ओले गिरने से फसलें झुक गईं। नीमच में डेढ़ घंटे में डेढ़ इंच बारिश हुई। यहां सड़कों पर बारिश का पानी बह निकला। जिले में कई स्थानों पर ओले भी गिरे। फसलों को नुकसान पहुंचा है। राजगढ़, उज्जैन, छिंदवाड़ा, विदिशा में भी बारिश हुई। बिजली गिरने से शाजापुर और उज्जैन जिले में दो मौतें भी हुई हैं।
आज इन जिलों में बारिश, गिर सकते हैं ओले
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि भोपाल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, गुना, अशोकनगर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, छिंदवाड़ा, दमोह, सागर, छतरपुर में कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश हो सकती है। यहां हवा की रफ्तार भी सामान्य से ज्यादा हो सकती है। कहीं-कहीं 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार होगी।
बिजली गिरने से दो लोगों की मौत
शाजापुर जिले के ग्राम देंदला में सोमवार को अशोक कुमार अपने खेत पर काम कर रहा था। इसी दौरान बारिश होने पर अशोक पेड़ के नीचे खड़ा हो गया, तभी बिजली गिरी, जिसकी चपेट में अशोक आ गया। परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उज्जैन के महिदपुर के जमापुरा निवासी ईश्वरलाल पिता बाबूलाल की बिजली गिरने से मौत हो गई
मु्ख्यमंत्री ने कही चिंता की कोई बात नही।
इसके अलावा मंदसौर, नीमच, राजगढ़, सीहोर, विदिषा, भोपाल और नर्मदा पुरम संभाग के कुछ जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी बीच किसानों को राहत देते हुए कहा किसान भाई बहन चिंता ना करें। जल्दी ओलावृष्टि से हुई फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा और इसके साथ ही राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
–बारिश से बर्बाद हुई फसल, मंत्री ने कहा- सर्वे शुरू किया
मध्यप्रदेश के कई जिले में ओले-बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं। इस पर मंत्री हरदीप सिंह डंग ने सर्वे कराने की बात कही है। मंत्री ने कहा कि मंदसौर जिले में सोमवार को हुई बेमौसम वर्षा एवं ओला-वृष्टि से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ग्राम सिंदपन, गुराड़िया देदा, धारियाखेड़ी, केथुली, गाडरिया, गुड़भेली, जलोदिया सहित सभी ओला-वृष्टि प्रभावित गांवों में पहुंचकर सर्वे कार्य कर रहे हैं, जिससे प्रभावितों को जल्द मुआवजा दिया जा सके। प्रशासन का प्रयास है कि शीघ्र-अतिशीघ्र किसानों की नुकसानी का आकलन कर समय पर राहत दी जा सके।
मंत्री कमल पटेल ने कही किसानों के लिए बड़ी बात
जानकारी के मुताबिक शाजापुर के रानी बड़ौद में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। तेज हवा और ओले गिरने से गेहूं चना और मसूर सहित रबी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही अब कटाई के लिए तैयार फसलों को भी नुकसान पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इसी बीच कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है। मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसान भाई को घबराने की जरूरत नहीं है, संकट के समय में सरकार उनके साथ खड़ी है। किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। इसके साथ ही सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि नुकसान का सर्वे तत्काल रुप से करवा कर इसकी रिपोर्ट पेश की जाए ताकि किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके।