नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक वीडियो पोस्ट करने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें एक पगड़ीधारी सिख पुलिस अधिकारी संदेशखाली में भाजपा के मार्च में किसी द्वारा उसे खालिस्तानी कहे जाने पर आपत्ति जता रहा है.
हालांकि वीडियो में वह हिस्सा नहीं है जहां यह शब्द कहा गया था, लेकिन अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, क्योंकि मैंने पगड़ी पहनी है, आप ऐसा कह रहे हैं. अगर मैंने पगड़ी नहीं पहनी होती, तो क्या आप मुझे खालिस्तानी कहते? आप आप पुलिस के बारे में जो चाहें कह सकते हैं, लेकिन आप मेरे धर्म पर टिप्पणी नहीं कर सकते.
ममता का ट्वीट
ट्वीट में ममता बनर्जी ने बीजेपी पर सिख समुदाय को कमजोर करने का आरोप लगाया. यह टकराव तब हुआ जब पुलिस ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली द्वीप का दौरा करने से रोक दिया. वीडियो में सुवेंदु अधिकारी के साथ मौजूद बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल धमाखली में पुलिस अधिकारी के साथ बहस करती नजर आ रही हैं. जबकि अधिकारी कथित ताने पर प्रतिक्रिया करते हैं, एक भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना जाता है कि हमने यह नहीं कहा है.
वीडियो में दिख रहे पुलिस अधिकारी 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह हैं. सिंह वर्तमान में पश्चिम बंगाल पुलिस में विशेष अधीक्षक (खुफिया ब्यूरो) के पद पर तैनात हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा की आलोचना की और कहा कि पार्टी की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के प्रयास’ की निंदा करती हैं. ममता बनर्जी ने एक्स पर लिखा, आज, बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से लांघ दिया है. बीजेपी के अनुसार, पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है.
उन्होंने कहा मैं हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं, जो हमारे देश के लिए उनके बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए सम्मानित हैं. उन्होंने कहा, ‘हम बंगाल की सामाजिक सद्भाव की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और किसी भी तरह की रोकथाम के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे. इसे बाधित करने का प्रयास किया जाता है.
कांग्रेस ने भी इस घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने एक्स पर कहा, बीजेपी के लोगों का गिरा हुआ व्यवहार देखिए. एक पुलिस अधिकारी जिसने दिन-रात देश की सेवा की, उसे खालिस्तानी कहा गया क्योंकि उसने पगड़ी पहनी थी. यह बहुत ही गिरी हुई मानसिकता है.
जहां स्थानीय बीजेपी नेताओं ने इस बात से इनकार किया कि उनकी ओर से किसी ने खालिस्तानी शब्द का इस्तेमाल किया है, वहीं पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ताओं ने कोई बयान नहीं दिया है.