गुलाम नबी आजाद के बयान पर फारूक अब्दुल्ला का जवाब कहा मैं रात में पीएम मोदी से क्यों मिलूंगा?

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नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने अनुभवी राजनेता गुलाम नबी आजाद के इस दावे का खंडन किया है, वह सार्वजनिक जांच से बचने के लिए रात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की मांग करते थे.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा अगर मुझे पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना है तो मैं उनसे दिन में मिलूंगा, मैं उनसे रात में क्यों मिलूंगा? उन्होंने ऐसा क्या सोचा है?’ फारूक अब्दुल्ला को बदनाम किया जा रहा है ऐसा अब्दुल्ला ने कहा. उनका कहना है कि जब कोई उन्हें राज्यसभा सीट नहीं देना चाहता था तो मैंने ही उन्हें राज्यसभा सीट दी. लेकिन आज वह यह सब कह रहे हैं. उन्हें अपने एजेंटों के नाम बताने चाहिए जो पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर बैठे हैं. उन्हें लोगों को बताना चाहिए ताकि वे सच्चाई समझ सकें.

आजाद का बयान

आज़ाद ने दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व करते हैं वो 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए सोचे-समझे प्रयास किए थे. पिता-पुत्र की जोड़ी पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाते हुए, उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के विशेष बयान का हवाला दिया. उनका कहना है कि भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने का संकेत है, जिसे बाद में उमर अब्दुल्ला ने खारिज कर दिया है.

आजाद ने कहा फारूक की जुबान फिसलन जैसी है. फारूक और उमर सरकार और विपक्ष दोनों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. आज़ाद ने अनुच्छेद 370 के विवादास्पद निरस्तीकरण से ठीक पहले 3 अगस्त, 2019 को अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच एक कथित बैठक को भी प्रकाश भी लाया. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में अफवाहें फैलीं कि निर्णय के बारे में अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया था, और किया गया था. यहां तक कि घाटी के नेताओं को नजरबंद करने का भी सुझाव दिया.

उमर अब्दुल्ला ने भी गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधते हुए कहा, वाह भाई, वाह गुलाम नबी आजाद, आज इतना गुस्सा है. वह गुलाम कहां है जो हाल ही में 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटों के लिए हमसे भीख मांग रहा था. अब्दुल्ला को 370 के बारे में पता था’ फिर भी हमें पीएसए सहित 8 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया और आप स्वतंत्र थे, 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री मुक्त हुए. अब्दुल्ला गुप्त रूप से मिलते हैं फिर भी मेरे पिता को उनके सरकारी घर से बाहर निकाल दिया गया था. टी एमपी और आपको अपना मंत्री बंगला रखने की अनुमति है? ‘अब्दुल्ला कश्मीर में कुछ और कहते हैं और दिल्ली में कुछ और फिर भी प्रधानमंत्री राज्यसभा में आपके लिए रोते हैं और हर भाषण में हमारी आलोचना करते हैं.

उन्होंने एक पोस्ट में कहा, आइए पुरस्कार को न भूलें जिसके लिए आप कांग्रेस छोड़ने और चिनाब घाटी में बीजेपी की मदद करने के लिए सहमत हुए थे. कौन आजाद है और कौन गुलाम, समय बताएगा और लोग फैसला करेंगे.

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