भारत के नए विदेश सचिव के रूप में डिप्टी NSA विक्रम मिसरी को नियुक्त कर लिया गया है. सरकार ने विक्रम मिसरी की नियुक्ति की घोषणा शुक्रवार को की. मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विक्रम मिसरी 15 जुलाई से विदेश सचिव के पद की जिम्मेदारी उठाएंगे. फिलहाल इस पद को संभाल रहे विनय मोहन क्वात्रा का कार्यकाल नियमानुसार 30 अप्रैल को ही समाप्त हो चुका है लेकिन सरकार ने 6 महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था जिस वजह से वह अभी भी इस पद को 14 जुलाई तक संभालेंगे.
विदेश मंत्रालय में डायरेक्टर के पद तक किया है काम
विक्रम मिसरी कजिन जम्मू कश्मीर में 7 अप्रैल 1964 को हुआ. उन्होंने अपनी पढ़ाई का प्रारंभ सिंधिया स्कूल से किया. और दिल्ली के हिंदू कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन को पूरा किया. बाद में एमबीए कर उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी करने का मन बनाया. 1989 सिविल परीक्षा बैच की परीक्षा को पास कर आईएफएससी पद के अधिकारी बनकर काम किया. विक्रम मिसरी ने अंडर सेक्रेटरी से लेकर डायरेक्टर तक के पद को विदेश मंत्रालय मैं संभाल है.
प्रधानमंत्री के निजी सचिव के तौर पर भी किया है काम
डिप्टी NSA विक्रम मिसरी देश के नए विदेश सचिव के तौर पर चुने गए हैं. इन्होंने निजी सचिव के तौर पर तीन प्रधानमंत्री के लिए भी काम किया है. इंद्र कुमार गुजराल के लिए 1997 से मार्च 1998 तक, मनमोहन सिंह के लिए अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक और फिलहाल में रह रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 से जुलाई 2014 तक निजी सचिव के तौर पर काम किया था. दिसंबर 2018 में इन्हें भारतीय राजदूत के तौर पर भी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था.
कई दूतावासों में किया है काम
भारत सरकार द्वारा चुने गए नए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बहुत से दूतावासों में काम किया जैसे की अफ्रीका, उत्तर अमेरिका और एशिया आदि. साथ ही इन्होंने भारत सरकार के साथ बहुत से मिशनों पर काम किया है. एशिया, अफ्रीका, यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में बहुत से भारतीय मिशनों में से एक है. विक्रम मिसरी ने भारत और चीन की सेना के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को सुलझाने के लिए भी कई बार दोनों देशों की बातचीत में हिस्सा भी बने थे.