अमेरिका में डेमोक्रेटिक कन्वेंशन की शुरुआत वैदिक मंत्रों से, ‘ओम शांति शांति’ की गूंज

Indian Mantras chants in America

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का माहौल गर्म है. एक तरफ रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप जोर-शोर से अपनी चुनावी मुहिम चला रहे हैं, तो दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस उन्हें कड़ी टक्कर दे रही हैं. इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन चर्चा का केंद्र बना हुआ है. शिकागो में हो रहे इस कन्वेंशन का तीसरा दिन खासतौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसकी शुरुआत हिंदू धर्म के वैदिक मंत्रों के साथ हुई, जिससे पूरा हॉल ‘ओम शांति शांति’ की गूंज से भर गया.

amer3

वैदिक मंत्रों के साथ कन्वेंशन की शुरुआत

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के तीसरे दिन की शुरुआत हिंदू पुजारी राकेश भट्ट के वैदिक मंत्रोच्चारण से हुई. यह पहला मौका था जब अमेरिका में एक राजनीतिक दल के इतने बड़े आयोजन की शुरुआत वैदिक मंत्रों से हुई. मैरीलैंड स्थित शिव विष्णु मंदिर के पुजारी राकेश भट्ट ने इस आयोजन में वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर एकजुट राष्ट्र के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा, “भले ही हमारे बीच मतभेद हों, लेकिन जब राष्ट्र की बात आती है, तो हमें एकजुट होना चाहिए. हमें मिलकर सोचने और साथ चलने की जरूरत है ताकि हम अपने समाज और देश को मजबूत बना सकें.”

पुजारी राकेश भट्ट की पृष्ठभूमि

राकेश भट्ट एक माधव पुजारी हैं, जो बेंगलुरु से अमेरिका आए थे. उन्होंने उडुपी अष्ट मठ के पेजावर स्वामीजी के अधीन ऋग्वेद और तंत्रसार (माधव) आगम का प्रशिक्षण लिया. भट्ट हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं. उनके पास संस्कृत, अंग्रेजी और कन्नड़ में बैचलर और मास्टर डिग्री है. उन्होंने बेंगलुरु के ओस्टीन कॉलेज से अंग्रेजी और कन्नड़ की डिग्री तथा जयचामाराजेंद्र कॉलेज से संस्कृत की डिग्री प्राप्त की है.

डेमोक्रेटिक नेताओं की प्रतिक्रिया

डेमोक्रेटिक पार्टी के उप राष्ट्रीय वित्त अध्यक्ष अजय भूतोरिया ने इस मौके पर कहा, “राकेश भट्ट द्वारा डीएनसी में हिंदू प्रार्थना का आयोजन डेमोक्रेटिक पार्टी की समावेशिता और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह हमारे समाज में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के सम्मान को दर्शाता है.”

क्या है डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन?

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (DNC) डेमोक्रेटिक पार्टी का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है, जो हर चार साल में एक बार राष्ट्रपति चुनाव से पहले होता है. इसका उद्देश्य पार्टी के उम्मीदवार का चयन और पार्टी की नीतियों को जनता के सामने प्रस्तुत करना होता है. इस कन्वेंशन की शुरुआत 1832 में हुई थी, जब एंड्रयू जैक्सन को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना गया था.

amer2

समावेशिता और विविधता का प्रतीक

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में हिंदू पुजारी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण इस बात का प्रतीक है कि अमेरिका की राजनीति में विविधता और समावेशिता को कितना महत्व दिया जाता है. यह घटना न केवल हिंदू समुदाय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह पूरी दुनिया को यह संदेश देती है कि अमेरिका में सभी धर्मों और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान किया जाता है.

इस आयोजन ने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका में बढ़ती विविधता और विभिन्न संस्कृतियों के प्रति आदर का भाव कितना महत्वपूर्ण है, और डेमोक्रेटिक पार्टी इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रही.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top