Vastu Tips for Home
वास्तु शास्त्र भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे घर और जीवन को संतुलित और सकारात्मक ऊर्जा से भरने में मदद करता है. वास्तु दोष घर की संरचना या व्यवस्था में किसी भी प्रकार की त्रुटि को संदर्भित करता है, जो नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है और परिवार के सदस्यों के जीवन में विभिन्न समस्याएं ला सकता है. यहां कुछ कारण और पहचानने के तरीके दिए गए हैं, जिनसे आप अपने घर में वास्तु दोष का पता लगा सकते हैं और उनका समाधान कर सकते हैं.
उत्तर-पूर्व दिशा का अवरोध
उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु में अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि इस दिशा में कोई भारी वस्तु या निर्माण हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकता है. इसे पहचानने के लिए इस दिशा में किसी भी प्रकार के अवरोध की जांच करें और इसे हल्का और खुला रखें.
शौचालय और रसोई की स्थिति
शौचालय और रसोई का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है. यदि शौचालय उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है. इसी प्रकार, रसोई का उत्तर-पूर्व दिशा में होना भी शुभ नहीं माना जाता. इनकी स्थिति की जांच करें और आवश्यकतानुसार परिवर्तन करें.
प्रवेश द्वार की स्थिति
मुख्य द्वार का स्थान भी वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण है. यदि मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में हो, तो यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. मुख्य द्वार को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है.
घर में टूटी-फूटी वस्तुएं
घर में टूटी-फूटी वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं. इन्हें तुरंत घर से बाहर निकालें और साफ-सुथरी वस्तुओं का उपयोग करें.
घर का रंग
घर के रंग भी वास्तु पर प्रभाव डालते हैं. गहरे और उदास रंगों से बचें और हल्के एवं सुखदायक रंगों का प्रयोग करें. विशेष रूप से, उत्तर-पूर्व दिशा में हल्के नीले या हरे रंग का उपयोग करना शुभ माना जाता है.
जल स्रोत की स्थिति
जल स्रोत जैसे टंकी, कुंआ या पानी का स्थान भी महत्वपूर्ण है. उत्तर-पूर्व दिशा में जल स्रोत होना शुभ माना जाता है जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा में जल स्रोत होना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
घर में पौधे
घर में पौधे सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। लेकिन कांटेदार या विषैले पौधों को घर में नहीं रखना चाहिए. तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है.