Vande Bharat
Vande Bharat ट्रेन दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. Vande Bharat एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन वर्ष 2019 से शुरू हुआ है .साल 2019 में भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई थी. जिसमे देश के करोड़ों लोग सफर करते हैं. जिससे यात्रियों का समय भी बचता है।
16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन में दो एक्जीक्यूटिव एसी चेयर कार और 14 एसी चेयर कार होते हैं। एक्जीक्यूटिव एसी चेयरकार में 56 सीट और एसी चेयरकार में 78 सीट होते हैं। इस तरह से इस ट्रेन में 1204 सीट उपलब्ध होती है। आने वाले समय में इसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
बरेली-मुंबई के बीच स्लीपर Vande Bharat एक्सप्रेस को चलाने की कवायद तेज हो गई है। जल्द ही यह ट्रेन ट्रैक पर दौड़ेगी। स्लीपर वंदे भारत का पहला वर्जन कोच फैक्टरी से ट्रायल के लिए बहार आ चूका है अगर सब कुछ सही रहा तो बहुत जल्द ये ट्रेन बरेली – मुंबई ट्रैक के बीच दौड़ेगी।
अब तक कुल कितनी वंदे भारत ट्रेनें हैं
अब वंदे भारत की कुल संख्या 50 से अधिक हो गई है और 45 राष्ट्रव्यापी मार्गों को कवर किया गया है। जो अलग अलग रूटों पर चल रही हैं। वर्तमान में, भारतीय रेलवे की 41 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेने संचालित है, जो राज्यों को ब्रॉड गेज (बीजी) विद्युतीकृत नेटवर्क से जोड़ती है ये 24 राज्यों और 256 जिलों तक फैली हुई है।
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस का पहला वर्जन ट्रायल के लिए आया बाहर
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस का पहला वर्जन फैक्टरी से ट्रायल के लिए बाहर आ चूका है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रायल के बाद पहली स्लीपर वंदे भारत उत्तर रेलवे को मिल सकती है। मुख्य वाणिज्य निरीक्षण राकेश सिंह ने बताया कि सहारनपुर-प्रयागराज वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए भी रूट तय है। इस ट्रेन का संचालन भी जल्द शुरू होगा।
पीएम मोदी ने 31 अगस्त को 3 ट्रेनों को दिखाई थी हरी झंडी
भारत की वंदे भारत ट्रेन भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. भारत में 100 से भी ज्यादा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनेें संचालित होती हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अगस्त को 3 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी.
बरेली-मुंबई के लिए रुट हुए तय
बरेली-मुंबई के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए रुट लगभग तय हो चुके हैं वही वैकल्पिक रूटों पर भी रेलवे विचार कर रहा है। बता दे की बरेली-मुंबई और सहारनपुर-प्रयागराज के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए रूट तय हो चुके हैं, लेकिन इन ट्रेनों के लिए रेलवे वैकल्पिक रूटों की तलाश में भी काम कर रहा है।