यूपी विधानसभा उपचुनाव: गाजियाबाद सीट पर भाजपा का टिकट किसे मिलेगा? छह नाम चर्चा में

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गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा में टिकट की दौड़ तेज हो गई है. इस सीट पर टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे भाजपा के अंदर टिकट पाने की लड़ाई काफी कड़ी हो गई है. इस उपचुनाव के लिए गाजियाबाद शहर विधानसभा क्षेत्र के भीतर और बाहर के भाजपा नेताओं के नाम चर्चा में हैं. टिकट के लिए प्रमुख दावेदारों में अशोक मोंगा, मयंक गोयल, संजीव शर्मा, अजय शर्मा, ललित जायसवाल और मुकुल उपाध्याय के नाम शामिल हैं.

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भाजपा में टिकट की जद्दोजहद

गाजियाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट के दावेदारों की संख्या बढ़ने से टिकट की जद्दोजहद भी तेज हो गई है. टिकट के लिए प्रमुख दावेदारों में गाजियाबाद शहर के भाजपा नेता ही नहीं बल्कि जिले के बाहर के भाजपा नेता भी शामिल हैं. इस सीट पर प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है, और सभी दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.

पार्टी की प्राथमिकताएं और विपक्ष की निगाहें

भाजपा द्वारा इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा विपक्ष के लिए भी महत्वपूर्ण है. विपक्षी दल इस पर निगाह बनाए हुए हैं और यह देख रहे हैं कि भाजपा किस पर भरोसा जताती है. गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर हुए पिछले दो विधानसभा चुनावों में वैश्य समाज से आए अतुल गर्ग को पार्टी ने टिकट दिया था. अतुल गर्ग ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी. हाल ही में लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अतुल गर्ग को गाजियाबाद से सांसद प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की.

मयंक गोयल और अन्य प्रमुख दावेदार

अतुल गर्ग के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है. वैश्य समाज के मतदाताओं की संख्या इस सीट पर निर्णायक होती है, इसलिए मयंक गोयल इस सीट पर दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसके अलावा, गाजियाबाद में पंजाबी समाज के लोगों की भी बड़ी संख्या है, जिसके चलते अशोक मोंगा का नाम भी टिकट के दावेदारों की सूची में शामिल है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका

गाजियाबाद उपचुनाव को लेकर भाजपा के अंदर चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सक्रिय हो सकते हैं. खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 14 सितंबर को गाजियाबाद का दौरा कर सकते हैं, जिससे उपचुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति स्पष्ट हो सके.

इस उपचुनाव के टिकट के चयन को लेकर पार्टी और विपक्ष दोनों की निगाहें टिकी हुई हैं. जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, भाजपा की रणनीति और प्रत्याशी के चयन को लेकर और भी स्पष्टता आ सकती है.

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