भारतीय प्रतिनिधि तन्मय लाल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC ) के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे UNSC को अधिक प्रतिनिधित्वशील, पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है.
UNSC की वर्तमान स्थिति
तन्मय लाल ने कहा कि वर्तमान में UNSC में केवल 15 सदस्य हैं, जिनमें से 5 स्थायी सदस्य हैं. यह संरचना समय की आवश्यकताओं के अनुसार बदलने में असमर्थ है. उन्होंने बताया कि यह परिषद वैश्विक सुरक्षा मुद्दों का समाधान करने में अपनी भूमिका निभाने में असफल रही है. इसलिए, इसे अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वशील बनाना आवश्यक है.
सुधार की आवश्यकता
लाल ने UNSC में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह परिषद विश्व के सभी हिस्सों का प्रतिनिधित्व नहीं करती. उन्होंने बताया कि अनेक देशों, विशेषकर विकासशील देशों, को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है. यह स्थिति वैश्विक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने में बाधा उत्पन्न करती है.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया
तन्मय लाल ने इस बात पर जोर दिया कि UNSC की कार्यप्रणाली को अधिक लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि परिषद की निर्णय प्रक्रिया में सभी देशों की आवाज़ होनी चाहिए. इसके बिना, यह केवल कुछ चुनिंदा देशों के हितों की रक्षा करती है, जो कि वैश्विक स्तर पर अस्वीकार्य है.
पारदर्शिता का महत्व
तन्मय लाल ने पारदर्शिता को भी एक महत्वपूर्ण पहलू बताया. उन्होंने कहा कि UNSC में निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होनी चाहिए, ताकि सभी सदस्य देशों को यह समझने में आसानी हो कि निर्णय क्यों लिए गए. पारदर्शिता से परिषद की विश्वसनीयता में वृद्धि होगी और अन्य देशों का विश्वास भी बढ़ेगा.
भारत की भूमिका
लाल ने भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत UNSC का एक स्थायी सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है. भारत के पास आवश्यक क्षमताएँ और अनुभव हैं, जो इसे इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाते हैं. भारत का सदस्य बनना न केवल भारतीय हितों के लिए, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी फायदेमंद होगा.
वैश्विक सहयोग की आवश्यकता
तन्मय लाल ने वैश्विक सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि UNSC के सुधार के लिए सभी देशों को एकजुट होना होगा. यह आवश्यक है कि सभी सदस्य देश इस दिशा में एकमत होकर काम करें. ऐसा सहयोग UNSC को एक अधिक प्रभावी और निष्पक्ष संस्था बनाने में मदद करेगा.
चुनौतियाँ और समाधान
तन्मय लाल ने UNSC के सुधार के सामने मौजूद चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों के बीच राजनीतिक मतभेद और हितों का टकराव इस प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. इसलिए, एक सार्थक संवाद और सहमति की आवश्यकता है, जिससे सभी पक्षों के हितों का सम्मान किया जा सके.