भारत में पहली बार UNESCO की बैठक हो रही है. रविवार को हुई इस विश्व धरोहर समिति की बैठक के उद्घाटन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन सत्र के दौरान ही UNESCO विश्व विरासत केंद्र को ग्लोबल साउथ में विरासत क्षेत्रों की सुरक्षा और बचाव के लिए 10 लाख डॉलर की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है.
21 से 31 जुलाई तक चलेगी विश्व धरोहर समिति की बैठक
UNESCO की विश्व धरोहर समिति की बैठक भारत की राजधानी दिल्ली के भारत मंडप में हो रही है. इस विश्व धरोहर समिति के 46 वे सत्र का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है. उद्घाटन सत्र के दौरान यूनेस्को की महानिदेशक अॉड्रे अजोले भी उपस्थित थी. भारत में पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की जा रही है और यह बैठक 21 से 31 जुलाई तक की जाएगी.
भारत करेगा एक मिलियन डॉलर का अनुदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यूनेस्को को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है. भारत के द्वारा यूनेस्को के विश्व धरोहर केंद्र के लिए 1 मिलियन डॉलर अनुदान करने की घोषणा इस सत्र के दौरान पीएम मोदी द्वारा की गई है. कहां गया कि इस आर्थिक सहायता का उपयोग तकनीकी सहायता विश्व धरोहर स्थलों को बचाने के लिए और क्षमता निर्माण के लिए और खासकर ग्लोबल साउथ के देश के हित एवं संरक्षण के लिए किया जाएगा.
विकास और विरासत को बताया भारत का विजन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस सत्र को संबोधित करते समय एक दूसरे के राज्य को बढ़ाने, मानव के कल्याण के लिए भावनाओं को बढ़ाने और अपनी विरासत को सुरक्षित रखते हुए पर्यटन को बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने के अवसर पैदा करने के लिए एक दूसरे के साथ मिलजुल कर चलने और जुड़ने का अपील की गई है. साथ ही उन्होंने विकास और विरासत को भारत का विजन भी बताया. इसके अलावा पीएम द्वारा पिछले 10 सालों में आधुनिक विकास के नए आसमान को छूने और विरासत पर गर्व के संकल्प लेने की बात भी कही गई.
हर साल होती है विश्व धरोहर समिति की बैठक
हर साल में एक बार विश्व धरोहर समिति की बैठक की जाती है. यह बैठक पूरी दुनिया के धरोहर से जुड़े हर मामलों के प्रबंधन और दुनिया के धरोहर सूची में शामिल होने वाले सभी क्षेत्रों पर फैसला लेने के लिए की जाती है. इस बैठक के दौरान बहुत से क्षेत्र को धरोहर सूची में जगह दी जाती है और साथ ही उनके संरक्षण और उपयोग पर भी चर्चा की जाती है. भारत में पहली बार हो रही इस विश्व धरोहर समिति में 150 से अधिक देश के लगभग 2000 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लोग भाग ले रहे हैं.