तिरुपति लड्डू विवाद पर जगन रेड्डी की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) में मिलावट को लेकर हुए विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में जगन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया कि वे केवल राजनीतिक फायदे के लिए झूठ फैला रहे हैं और करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और नायडू को कड़ी फटकार लगाने की अपील की है.

झूठे आरोपों से जनता की आस्था को ठेस
जगन रेड्डी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि नायडू की हरकतों ने न केवल मुख्यमंत्री पद की गरिमा को गिराया है, बल्कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) जैसे पवित्र स्थल की प्रथाओं और उसकी पवित्रता को भी ठेस पहुंचाई है. उन्होंने 8 पन्नों के इस पत्र में टीटीडी द्वारा घी स्वीकार करने की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया और बताया कि नायडू ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भुनाने का प्रयास किया है.
प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप की अपील
जगन रेड्डी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि नायडू द्वारा फैलाए गए झूठे आरोपों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा, “पूरा देश इस महत्वपूर्ण मोड़ पर आपकी ओर देख रहा है. नायडू के झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोपों के लिए उन्हें कड़ी फटकार लगानी चाहिए ताकि टीटीडी की पवित्रता और हिंदू भक्तों के मन में आस्था बहाल की जा सके.” रेड्डी ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि कथित मिलावटी घी को तिरुमाला परिसर में प्रवेश करने से पहले ही अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन नायडू ने इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया.
नायडू के आरोप और विवाद की जड़
कुछ दिनों पहले चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक में आरोप लगाया था कि वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट की और उसकी पवित्रता को ठेस पहुंचाई. नायडू ने दावा किया कि मंदिर प्रशासन ने लड्डू बनाने के लिए घटिया और मिलावटी घी का इस्तेमाल किया था. इसी बयान को आधार बनाते हुए यह विवाद उत्पन्न हुआ, जिससे आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमा गई है.

निष्कर्ष
इस विवाद ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. जगन रेड्डी ने जहां नायडू पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है, वहीं नायडू ने तिरुपति मंदिर की पवित्रता को लेकर सवाल उठाए हैं. अब प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है.