नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मंत्री अरूप बिस्वास के भाई और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता स्वरूप बिस्वास के आवास पर आयकर छापे लगभग 72 वर्षों के बाद शनिवार को समाप्त हो गए.
दो निर्माण कंपनियों से जुड़े जबरन वसूली, कर चोरी और बेहिसाब संपत्ति के आरोपों के सिलसिले में बुधवार को शुरू हुई छापेमारी कोलकाता में पांच स्थानों पर की गई, जिसमें शहर के न्यू अलीपुर इलाके में स्वरूप बिस्वास का आवास और उनकी पत्नी जुई बिस्वास का कार्यालय भी शामिल है.
जुइन बिस्वास स्थानीय तृणमूल कांग्रेस पार्षद और पार्टी प्रवक्ता भी हैं. सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के बाद टैक्स विभाग ने मामले के सिलसिले में बिस्वास को भी 4 अप्रैल को तलब किया था.
सूत्रों ने बताया कि बिस्वास को अपनी पेशी के दौरान अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों की बैलेंस शीट, बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज अपने साथ लाने के लिए भी कहा गया है.
छापे के बाद, बिस्वास ने दावा किया कि कर विभाग के अधिकारी उनके घर से “एक भी सामग्री या नकदी” जब्त नहीं कर सके. बिस्वास ने आगे कहा कि छापेमारी के दौरान उन्होंने जांच एजेंसी को पूरा सहयोग किया.