बेटियों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण योजना
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) भारत सरकार द्वारा बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुरू की गई एक लोकप्रिय स्माल सेविंग स्कीम है. यह योजना ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत लाई गई थी और इसमें निवेश करने पर माता-पिता अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं. यह योजना खासतौर पर बेटियों की उच्च शिक्षा और शादी के खर्चों को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
उच्च ब्याज दर और टैक्स छूट
वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% की ब्याज दर मिल रही है, जो कि सरकार द्वारा तिमाही आधार पर अपडेट की जाती है. यह ब्याज दर 30 सितंबर 2024 तक लागू है. इसके अलावा, इस योजना में निवेश करने पर चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) मिलता है, जो फंड को तेजी से बढ़ाता है. साथ ही, निवेश पर टैक्स में छूट भी मिलती है, जिससे यह योजना और भी लाभदायक हो जाती है.
कैसे जमा होगा मोटा फंड?
अगर आप इस योजना में हर महीने 10,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो बेटी की उम्र 21 साल पूरी होने पर आपको एक बड़ा फंड मिलेगा. चूंकि इस योजना में चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, इसलिए निवेश की गई राशि पर हर साल ब्याज बढ़ता रहता है. 15 साल तक निवेश करने के बाद, बेटी की उम्र 21 वर्ष होने पर या उसकी 18 साल की उम्र में शादी होने पर योजना मैच्योर हो जाती है, और आपको मैच्योरिटी के बाद मोटी रकम मिलती है. यह राशि बेटी की शिक्षा या शादी के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है.
निवेश अवधि और योजना की विशेषताएं
इस योजना में निवेश की अवधि केवल 15 साल की होती है, लेकिन यह 21 साल की उम्र तक चलती है। योजना मैच्योर होने के बाद, माता-पिता को बेटी के नाम पर जमा बड़ी राशि मिलती है. अगर बेटी की शादी 18 साल की उम्र में हो जाती है, तो भी योजना को मैच्योर माना जाता है और पूरी राशि वापस मिल जाती है.
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना माता-पिता के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिससे वे अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं. मासिक 10,000 रुपये के निवेश से, चक्रवृद्धि ब्याज के साथ एक बड़ा फंड तैयार होता है, जो बेटी की उच्च शिक्षा और शादी जैसे बड़े खर्चों में मदद करता है.