Sriram IAS कोचिंग संस्थान को यूपीएससी 2022 के परिणाम में भटकाऊ विज्ञापन देने के लिए दंडित किया गया है. यह मामला तब सामने आया जब संस्थान ने दावा किया कि उसने परीक्षा में कई उम्मीदवारों को सफलता दिलाई है, जबकि वास्तविकता में कई दावे भ्रामक थे.यूपीएससी के परिणामों के आधार पर संस्थान ने अपने विज्ञापनों में यह बताया कि उनकी कोचिंग से कई उम्मीदवारों को सफलता मिली, लेकिन जांच में पाया गया कि इस तरह के दावे गलत थे. इसके परिणामस्वरूप, अधिकारियों ने संस्थान पर दंड लगाया है और संस्थान को निर्देश दिए हैं कि वे भविष्य में ऐसे भ्रामक विज्ञापन देने से बचें.
Sriram IAS कोचिंग संस्थान पर लगाए गए दंड के पीछे प्रमुख कारण है उनके विज्ञापनों में किए गए भ्रामक दावे. संस्थान ने अपने प्रचार सामग्री में यह दावा किया था कि उनकी कोचिंग के माध्यम से कई छात्र यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके हैं. यह दावा विशिष्ट और प्रमाणित आंकड़ों के बिना किया गया था, जो कि असत्य था.
इस मामले की जांच के बाद, यह सामने आया कि संस्थान ने अपने विज्ञापन में अतिशयोक्ति की और कई दावों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया. यह पद्धति कई उम्मीदवारों को भ्रामक आशा देती है और शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देती है.
संबंधित अधिकारियों ने इस प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया. दंड के तहत, संस्थान को भविष्य में ऐसी गलत जानकारी देने से रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं, और इसके साथ ही उन्हें अपने विज्ञापन की सत्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं.
इस भटकाऊ विज्ञापन के कुछ मुख्य बिंदु
असत्यापित सफलता के दावे: संस्थान ने अपने विज्ञापन में यह दावा किया था कि उनकी कोचिंग से कई छात्र यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके हैं. हालांकि, इन दावों को किसी आधिकारिक या प्रमाणित आंकड़ों के बिना पेश किया गया था.
अतिशयोक्तिपूर्ण आंकड़े: विज्ञापनों में दिए गए परिणाम और सफलता के आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए गए थे, जो वास्तविक परिणामों से मेल नहीं खाते थे.
भ्रामक परिणाम: संस्थान ने अपने प्रचार सामग्री में कई छात्रों के नाम और उनकी सफलता को इस तरह प्रस्तुत किया कि यह दर्शाने की कोशिश की गई कि सभी छात्र कोचिंग की वजह से सफल हुए, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं था.