1 अक्टूबर 2024 से शेयर मार्केट, टैक्स, स्वास्थ्य बीमा और लोन संबंधी कई नए नियम लागू हो गए हैं, जिनका सीधा असर आपके वित्तीय जीवन पर पड़ेगा. इन बदलावों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करना है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और सरकार द्वारा जारी किए गए इन नियमों के तहत कई नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में.
खुदरा लोन नियमों में बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार, 1 अक्टूबर से बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को खुदरा लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन से जुड़ी सभी जानकारी सरल और स्पष्ट रूप में प्रदान करनी होगी. लोन के विवरण में फीस, अन्य शुल्क और शर्तों की जानकारी शामिल होगी, जिससे ग्राहकों को लोन से जुड़े सभी प्रमुख तथ्यों की स्पष्ट जानकारी मिल सके.
बीमा पॉलिसी में बदलाव
बीमा धारकों के लिए भी 1 अक्टूबर से नए नियम लागू हो गए हैं. अब बीमा कंपनियों को एक साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर भी बीमाधारक को पैसा लौटाना होगा। पहले एक साल के भीतर पॉलिसी सरेंडर करने पर कोई पैसा नहीं मिलता था. इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा में प्रतीक्षा अवधि को घटाकर तीन साल कर दिया गया है, जबकि पहले यह चार साल थी. साथ ही, दावों को चुनौती देने की अवधि आठ साल से घटाकर पांच साल कर दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को जल्दी समाधान मिल सकेगा.
शेयर बायबैक पर नया टैक्स
1 अक्टूबर से कंपनियों के शेयर बायबैक पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगेगा. पहले यह टैक्स कंपनियों पर लागू होता था, लेकिन अब यह टैक्स शेयरधारकों पर लगेगा. इसके तहत, शेयर बायबैक को लाभांश के रूप में माना जाएगा और इससे प्राप्त राशि को शेयरधारकों की कुल आय में जोड़ा जाएगा, जिससे इस पर टैक्स लगाया जाएगा.
बोनस शेयर और म्यूचुअल फंड में बदलाव
कंपनियों द्वारा दिए गए बोनस शेयर अब रिकार्ड डेट के दो दिन बाद ही ट्रेड किए जा सकेंगे. पहले इस प्रक्रिया में लगभग दो हफ्ते लगते थे। साथ ही, म्यूचुअल फंड्स और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यूटीआई) की यूनिट्स की दोबारा खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस नहीं लगेगा. यह बदलाव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट के तहत लागू हुआ है, जिसका उद्देश्य निवेशकों पर कर का बोझ कम करना है.
विवाद से विश्वास 2.0 योजना
कर विवादों के निपटान के लिए विवाद से विश्वास 2.0 योजना 1 अक्टूबर से शुरू हो गई है. इसके तहत, लंबित कर विवादों को सुलझाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2024 तक आवेदन किए जा सकेंगे.
एनआरआई पीपीएफ खाते होंगे बंद
अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खातों से जुड़े नए नियम भी 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं. जिन एनआरआई खाताधारकों ने अपनी एनआरआई स्थिति की जानकारी नहीं दी है, उनके पीपीएफ खाते बंद कर दिए जाएंगे. इन खातों में 30 सितंबर 2024 तक जमा की गई राशि पर ब्याज मिलेगा, लेकिन 1 अक्टूबर के बाद जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा.
ये नए नियम आम नागरिकों से लेकर कंपनियों तक सभी को प्रभावित करेंगे और इसलिए इनकी जानकारी होना बेहद जरूरी है.