टोंगा में आयोजित प्रशांत द्वीप समूह फोरम के दौरान, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने समुद्र के तापमान में हो रही वृद्धि और बढ़ते जलस्तर के प्रति गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने इस मुद्दे को वैश्विक आपातकाल की तरह संबोधित करते हुए दुनिया भर को चेतावनी दी है.
समुद्र का तापमान तीन गुना तेजी से बढ़ रहा
रॉयटर्स के अनुसार, गुटेरेस ने मंगलवार को कहा कि प्रशांत द्वीप समूह में समुद्र का तापमान वैश्विक औसत की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि यह वृद्धि विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में अधिक देखने को मिल रही है, जहां कुछ स्थानों पर समुद्री जलस्तर पिछले 30 वर्षों में वैश्विक औसत से दोगुना बढ़ गया है. यह स्थिति समुद्री जल के विस्तार और पिघलते हिमनदों के कारण उत्पन्न हो रही है.
जलवायु संकट के प्रति वैश्विक एसओएस
गुटेरेस ने अपने भाषण में कहा, “मैं समुद्र के बढ़ते जलस्तर पर वैश्विक एसओएस (सेव अवर सीज) जारी करने के लिए यहां हूं.” उन्होंने चेतावनी दी कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से तूफानों और तटीय बाढ़ की आवृत्ति और गंभीरता बढ़ रही है, जो तटीय इलाकों को निगल रही है और मत्स्य पालन व फसलों को नुकसान पहुंचा रही है. इसके अतिरिक्त, यह ताजे पानी को भी दूषित कर रहा है, जो विशेष रूप से प्रशांत द्वीप देशों के लिए गंभीर खतरा है.
प्रशांत द्वीप समूह फोरम और वैश्विक प्रतिक्रिया
टोंगा में चल रहे इस फोरम में, जलवायु परिवर्तन और समुद्री जलस्तर की वृद्धि पर चर्चा की जा रही है. फोरम में 18 सदस्य देशों के नेता शामिल हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े कोयला निर्यातक भी शामिल हैं. गुटेरेस ने ऑस्ट्रेलिया के जीवाश्म ईंधन के निर्यात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जीवाश्म ईंधन का चरणबद्ध उपयोग बंद किया जाना चाहिए, हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हर देश की स्थिति अलग है और समाधान के तरीके भी भिन्न हो सकते हैं.
जलवायु कार्रवाई के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने विश्व नेताओं से अनुरोध किया कि वे वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कटौती करें, जीवाश्म ईंधन का उपयोग बंद करें और जलवायु अनुकूलन के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करें. उन्होंने कहा कि बढ़ते समुद्री जलस्तर के संकट से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि तत्काल और प्रभावी कदम उठाए जाएं, अन्यथा स्थिति जल्द ही अपरिवर्तनीय हो सकती है.
समुद्र के बढ़ते जलस्तर की ऐतिहासिक दर
गुटेरेस ने कहा कि पिछले तीन हजार वर्षों में समुद्र के जलस्तर की वृद्धि की दर अभूतपूर्व ढंग से बढ़ी है. इस वृद्धि का मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसें हैं, जो जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न होती हैं और पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रही हैं. अनुमान के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में वैश्विक तापमान में करीब 90 प्रतिशत वृद्धि समुद्रों द्वारा सोखी गई है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है.
निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की चेतावनी वैश्विक जलवायु संकट की गंभीरता को उजागर करती है. अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यह संकट और भी विकराल हो सकता है, जिससे समुद्री और तटीय जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.