नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पिछले महीने योजना खत्म होने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगी गई थी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एसबीआई को 12 मार्च (मंगलवार) के व्यावसायिक घंटों के भीतर आवश्यक डेटा जमा करने को कहा. अदालत ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को अंतरिम आदेश के अनुसार अदालत को दी गई जानकारी का विवरण अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए भी कहा.
अदालत ने एसबीआई को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समयसीमा का पालन नहीं किया गया तो अदालत अवमानना जारी कर सकती है. एसबीआई की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने अदालत को बताया कि एक एसओपी मौजूद थी जो यह सुनिश्चित करती थी कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं है. साल्वे ने कहा, हमें बताया गया था कि यह एक रहस्य होगा. अब, अगर आप हमारे द्वारा जारी किए गए निर्देश को देखें, तो हमने आपको मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है. हमने स्पष्ट खुलासे का निर्देश दिया है,’ ये बात अदालत ने कही है.
साल्वे ने कहा, ‘जब खरीदारी हो रही थी तो हमने जानकारी बांट दी थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, लेकिन अंततः सभी विवरण मुंबई मुख्य शाखा को भेज दिए गए. सीजेआई ने कहा, सुनवाई के दौरान आपने हमें जो अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) दिखाए, उससे पता चला कि प्रत्येक खरीदारी के लिए अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) विवरण की आवश्यकता होती है.