अतीक और अशरफ मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को UP सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने मर्डर केस की डिटेल रिपोर्ट मांगी है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि माफिया भाइयों अतीक और अशरफ को ले जा रही गाड़ी को सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने घटना टीवी पर देखी है। दोनों को गाड़ी से सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।
यूपी सरकार से मांगी रिपोर्ट।
जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने झांसी में अहमद के बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। असद को 13 अप्रैल को यूपी पुलिस की एक विशेष टास्क फोर्स (एसटी) टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। दो दिन बाद अतीक अहमद और अशरफ को मीडियाकर्मी बनकर आए तीन लोगों ने गोली मार दी थी।
मामले में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी
घटना उस वक्त हुई, जब उन्हें पुलिस सुरक्षा के बीच स्वास्थ्य जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था। शीर्ष कोर्ट के वकील अधिवक्ता विशाल तिवारी ने याचिका दायर की है। याचिका में 2017 से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच की मांग की गई है। अब मामले में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी।
हत्या के सीन को किया रीक्रिएट।
पुलिस कस्टडी में हुई इस सनसनीखेज हत्या के बाद UP सरकार ने SIT के अलावा न्यायिक आयोग का गठन किया था। न्यायिक जांच आयोग और SIT के सदस्यों की मौजूदगी में क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया था। आयोग की टीम ने इससे पहले घटनास्थल का मुआयना किया था।