पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए इन दिनों राजनीतिक हलचल का कारण बने सायन लाहिड़ी, जिन्होंने हाल ही में कोलकाता में हुए नबन्ना मार्च का आयोजन किया था. इस मार्च ने ममता सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया. हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी, लेकिन इस फैसले को चुनौती देते हुए ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
नबन्ना मार्च और सायन लाहिड़ी
सायन लाहिड़ी, जो पश्चिम बंगाल स्टूडेंट सोसाइटी के सदस्य हैं, ने कोलकाता में नबन्ना मार्च का आयोजन किया. इस मार्च का मुख्य उद्देश्य आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले पर प्रदर्शन करना था. लाहिड़ी ने इस मार्च की घोषणा और आयोजन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने इस मार्च को राजनीतिक दलों से स्वतंत्र बताया था. हालांकि, मार्च के बाद सायन लाहिड़ी को गिरफ्तार कर लिया गया.
कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला
सायन लाहिड़ी की मां, अंजलि लाहिड़ी ने अपने बेटे के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सायन लाहिड़ी एक आम व्यक्ति हैं और न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने यह भी कहा कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इस निर्णय की आवश्यकता थी.
ममता सरकार की प्रतिक्रिया
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस फैसले को चुनौती दी है और इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय से न्याय की मांग की है. यह कदम उनके द्वारा उठाए गए सायन लाहिड़ी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर और अधिक जटिलता को जन्म दे सकता है.
सायन लाहिड़ी की पृष्ठभूमि
सायन लाहिड़ी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रवींद्र मुक्ता विश्वविद्यालय से की और इसके बाद रीजेंट एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में दाखिला लिया. उन्होंने सिप्ला जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में भी काम किया है और प्रणबानंद विद्या मंदिर के प्रिंसिपल के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं. इसके अतिरिक्त, वह EFEDRA फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड में बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर के रूप में भी काम कर चुके हैं.
सायन लाहिड़ी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, जहां वह देवोलीना रॉय नाम की लड़की के साथ दिखाई दे रहे हैं. खबरों के अनुसार, दोनों ओपन रिलेशन में हैं.
निष्कर्ष
सायन लाहिड़ी का मामला ममता बनर्जी की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रही कानूनी लड़ाई इस बात का संकेत है कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर जनसंघर्ष कितनी दूर तक जा सकता है. अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में किस दिशा में निर्णय करता है और क्या यह स्थिति किसी प्रकार की नई राजनीतिक और कानूनी उथल-पुथल का कारण बनेगी.