Sawan 2024: सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इन नियमों का रखें ध्यान, जानिए डीटेल्स

Shavan Mahine Ke Niyam

Sawan 2024 शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

Sawan 2024: सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. सावन में शिव भक्तों द्वारा पूजा-पाठ और व्रत का पालन किया जाता है. इस दौरान बेलपत्र का उपयोग शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए किया जाता है, जो कि अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है. लेकिन बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जिससे पूजा सफल और फलदायी हो सके.

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बेलपत्र का धार्मिक महत्व

बेलपत्र का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. इसे भगवान शिव के प्रिय पौधों में से एक माना जाता है. बेलपत्र त्रिदल या तीन पत्तियों वाला होता है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है. इसके अलावा, बेलपत्र का औषधीय महत्व भी है. सावन के महीने में बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है.

बेलपत्र चढ़ाने के नियम

बेलपत्र चढ़ाने के नियमों का पालन करना आवश्यक है. सबसे पहले, बेलपत्र को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि बेलपत्र टूटे या कटे हुए न हों. ऐसे बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित नहीं किए जाते हैं. इसके अलावा, बेलपत्र को उल्टा नहीं चढ़ाना चाहिए. त्रिदल का सीधा हिस्सा शिवलिंग की ओर होना चाहिए. सावन में बेलपत्र को शुद्ध और साफ रखना बहुत जरूरी है. इसे कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. बेलपत्र को पूजा के समय साफ जल से धोकर भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए. पूजा के बाद बेलपत्र को पवित्र स्थान पर ही रखना चाहिए. बेलपत्र चढ़ाने के लिए सोमवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन भक्त अपनी सुविधा और श्रद्धा के अनुसार किसी भी दिन इसे चढ़ा सकते हैं.

Shavan Mahine Ke Niyam

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र के साथ-साथ अन्य चीजें भी चढ़ाई जाती हैं, जैसे दूध, दही, शहद, गंगाजल और भस्म। सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. इसके साथ ही, भगवान शिव की आरती और मंत्रोच्चार का भी विशेष महत्व है. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप सावन में करने से शिव कृपा प्राप्त होती है.

अतः सावन के महीने में शिव भक्तों को बेलपत्र से जुड़े नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए. इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. इस पवित्र महीने में श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा अवश्य सफल होती है.

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