
बाबा महाकाल की नगरी के नाम से मशहूर उज्जैन सावन के पवित्र महीने में कई कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। 4 जुलाई को सावन शुरू होने के बाद से अब तक 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं. इसके अतिरिक्त, बाबा महाकाल के खजाने में प्राप्त दान 200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस साल दो सावन हैं| 11 सितंबर 2023 को मंदिर से बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलेगी. इस आयोजन से बड़ी संख्या में भक्तों के आकर्षित होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप मंदिर के धन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। श्री महाकालेश्वर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, कुमार पुरूषोत्तम ने बताया कि वैश्विक समुदाय में श्री महाकाल महालोक के रूप में पहचाने जाने के बाद से मंदिर में आगंतुकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

सावन माह में अब तक 10 करोड़ श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर चुके हैं। इसकी गणना स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापित एक विशेष उपकरण का उपयोग करके की गई थी। यह अब तक मंदिर में आने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या है। इन सभी आगंतुकों के कारण मंदिर को बहुत सारा धन प्राप्त हुआ है। मंदिर के बैंक खाते में अब 200 करोड़ रुपये हैं, जो पहले से कहीं ज्यादा है. मंदिर को इसके रखरखाव और सुधार में मदद के लिए हर महीने सरकार से पैसा भी मिलता है।
प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक का प्रथम मुख बनकर तैयार हो चुका है। दूसरे मुख का निर्माण पूरा होते ही बाबा महाकाल का दिव्य दरबार पूर्ण रूप से स्थापित हो जाएगा। सावन के महीने में, अधिक से अधिक भक्तों को मंदिर में सुबह होने वाली बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने का अवसर मिलेगा। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने भस्म आरती की शुरुआत की है, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा महाकाल के निराकार स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।