मोदी सरनेम को लेकर किए गए कमेंट को लेकर मानहानि के दोषी करार दिए गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है. कांग्रेस और विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया है. अब लोकसभा सदस्यता खत्म होने के मुद्दे पर राहुल गांधी को भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना का भी साथ मिल गया है. उन्होंने इस फैसले को गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ विश्वासघात बताया।
पीएम मोदी से लगाई गुहार
रो खन्ना अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में सिलिकान वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर अमेरिकी संसद के काकस के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
एक अन्य ट्वीट में रो खन्ना ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के हित में आपके पास इस फैसले को पलटने की शक्ति है। वहीं, अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जार्ज अब्राहम ने राहुल की अयोग्यता को भारत में लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन करार दिया।
‘पीएम के पास कानून को पलटने की ताकत नहीं’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने रो खन्ना के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि पीएम के पास कानून को पलटने की अतिरिक्त-न्यायिक शक्तियां यानी एक्सट्रा-जूडिशियल पावर नही हैं और सरकार का कांग्रेस सांसद की लोकसभा सदस्यता जाने से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी का संसद से अयोग्य घोषित होना एक कोर्ट के फैसले पर आधारित है और ये संविधान के साथ आरपीए के तहत किया गया है।
खरगे ने कहा कि सच बोलने की सज़ा मिली।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने की सजा मिली है. राहुल को संसद से बाहर भेजने से उनको लगता है कि उनकी समस्या कम हो जाएगी तो ऐसा नहीं है. हम लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे. उनको सच बोलने वालों को सदन में नहीं रखना है, इसलिए सदन के बाहर भेज रहे हैं.खरगे ने आगे कहा कि हम सदन के अंदर भी बोलेंगे और बाहर भी बोलेंगे. हम जेल जाने को भी तैयार हैं. शाम पांच बजे कांग्रेस की बैठक बुलाई है, इसमें आगे की रणनीति तय करेंगे।