वर्ष 2024 के अगस्त माह में कब होगी एकादशी
वर्ष 2024 के अगस्त माह में दो बार एकादशी मनाई जाएगी. पहली पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त दिन शुक्रवार को होगी,अथवा भादपद्र की एकादशी 29 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी.एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

.एकादशी का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है माना जाता है भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है ,आध्यात्मिक शांति सुख मिलता है ,स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है और व्यक्तिगत तथा पारिवारिक समस्याओं का समाधान होता है.एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है.
कितने प्रकार की होती हैं एकादशी
एकादशी कई प्रकार की होती है शुक्ल एकादशी जोकि (शुक्ल पक्ष की एकादशी )को कहते हैं दूसरी कृष्ण एकादशी जो की (कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं )पुत्रदा एकादशी (पुत्र की प्राप्ति के लिए एकादशी) का व्रत पाप मोचनी एकादशी (पापों के नाश के लिए) तथा वरुथिनी एकादशी (स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए). हर एकादशी के अपने-अपने महत्व हैं.

कब होगी पुत्रदा एकादशी
पुत्रदा एकादशी हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है यह एकादशी पुत्र की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से मनाई जाती है इसलिए इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है पौराणिक कथाओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है और संतान संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.पुत्रदा एकादशी जो कि इस वर्ष 16 अगस्त 2024 को पढ़ रही है उसका उत्तम मुहूर्त सुबह 4:24 से 5:08 तक रहेगा.

कब होगी भादपद्र मास की एकादशी
भाद्रपद मास की एकादशी को जयंती एकादशी भी कहा जाता है यह इस वर्ष 29 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी इस एकादशी का महत्व होता है , पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान वामन ने इस दिन राजा बलि के तीन पग भूमि मांगकर अपना अवतार प्रकट किया था, इस एकादशी को भगवान वामन की जयंती के रूप में मनाया जाता है. एकादशी का शुभ मुहूर्त सुबह 4:28 से 5 :13 तक रहेगा.