Port Blair : वीर सर्वाकर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का हुआ उद्घाटन

Untitled design 2024 09 01T094415.038

16 नवंबर 2024 को Port Blair के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पहला अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने जा रही है. यह खबर भारतीय यात्रा और एयरलाइंस क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है .

वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे पहले Port Blair हवाई अड्डा के नाम से जाना जाता था, अब एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन गया है. यह हवाई अड्डा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है और यहाँ से अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा उपलब्ध होगी. यह द्वीपसमूह भारत के पूर्वी समुद्र तट पर स्थित है और यहाँ का समुद्री सौंदर्य व पर्यटन के लिहाज से विशेष महत्व है.

पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान

Untitled design 2024 09 01T094519.367

16 नवंबर 2024 को इस हवाई अड्डे से पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होगी. इस उड़ान की शुरुआत से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी और यह हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंच जाएगा. इस पहली उड़ान का संचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा और इसका गंतव्य देश है थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक.

रणनीतिक महत्व

यह अंतरराष्ट्रीय उड़ान द्वीपसमूह के विकास और उसकी वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ, यह क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को भी आकर्षित कर सकता है. इस नई कनेक्टिविटी के माध्यम से व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जो द्वीपसमूह के विकास के लिए फायदेमंद होगा.

पर्यटन पर प्रभाव

अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का पर्यटन उद्योग भी लाभान्वित होगा. थाईलैंड से आने वाले पर्यटकों को भारतीय द्वीपसमूह का अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य देखने का मौका मिलेगा. इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय व्यवसाय और होटल उद्योग को भी इसका लाभ होगा.

पर्यावरणीय और स्थानीय लाभ

Untitled design 2024 09 01T094753.258

इस नई उड़ान के शुरू होने से स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हवाई अड्डे पर नए कर्मचारियों की भर्ती और अन्य संबंधित सेवाओं में वृद्धि देखने को मिलेगी. इसके साथ ही, पर्यावरणीय पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि हवाई यात्रा का पर्यावरणीय प्रभाव न्यूनतम हो सके.

भविष्य की योजनाएँ

इस पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान के सफल संचालन के बाद, हवाई अड्डा अन्य अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए भी उड़ानों का विस्तार कर सकता है. इसके अलावा, हवाई अड्डे की सुविधाओं में भी सुधार होगा, जैसे कि रनवे विस्तार और टर्मिनल की सुविधाओं में सुधार.

सरकार की भूमिका

इस परियोजना की सफलता में भारतीय सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सरकार ने इस हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप सुधार और विस्तार के लिए पर्याप्त निवेश किया है. इसके अलावा, विमानन मंत्रालय और अंडमान और निकोबार प्रशासन ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top