ट्रांसजेंडर्स की रक्तदान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, होगा बड़ा फैसला

Transgender Blood Donation

नई दिल्ली: जानकारी के मुताबिक आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट में अब एक बड़ा फैसला होने की संभावना जताई जा रही है. यह फैसला ट्रांसजेंडर्स की रक्तदान को लेकर पड़ी याचिका के तहत हो सकता है. दरअसल आपको बता दे भारत में समलैंगिकों और ट्रांसजेंडर्स अपने रिश्तेदारों या फिर आपने करीबियों के लिए चाहकर भी रक्तदान नहीं कर सकते. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे समुदाय को अपने रिश्तेदारों या फिर अपने करीबियों को रक्तदान करने पर पूरी तरीके से भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसी मुद्दे को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की है.

आखिर क्यों ट्रांसजेंडर कि रक्तदान पर है पाबंदी

अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों ट्रांसजेंडर चाह कर भी अपने रिश्तेदारों और अपने सबसे करीबियों को रक्तदान नहीं कर सकते तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें. ट्रांसजेंडर को रक्तदान की पाबंदी भारत में इसलिए है क्योंकि एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए इसको शुरू किया गया है. बता दें, 1980 के दशक से ही अलग अलग कई देशों में समलैंगिकों, ट्रांसजेंडर्स,
और यौनकर्मियों पर रक्तदान के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इसमें दुनिया के सभी देश शामिल थे. लेकिन अब भारत को छोड़कर कुछ देश ऐसे भी है जहां पर पिछले सालों में ट्रांसजेंडर को रक्तदान में ढील दी गई है. इन देशों में Brazil, Britain America और Israel जैसे देश शामिल है.

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दायर याचिका में हो सकता है बड़ा फैसला

आपको बता दे ट्रांसजेंडर की रक्तदान को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर रक्तदान के नियमों में बदलाव को लेकर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने रक्तदान के लिए 2017 की नीति को बहुत ही विनम्रता से कहते हुए उसे भेदभाव के तौर पर बताया है. याचिकाकर्ताओं का साफ कहना है कि यह नीति भारत के संविधान में दी गई समानता और अन्य अधिकारों का हनन है.

इस सबको देखते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार से जवाब तलब किया है. दरअसल आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका को देखते हुए और पहले के मामलों का आकलन करते हुए केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा है. अब भारत सरकार द्वारा इस मुद्दे पर क्या जवाब निकलकर आता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. याचिकाकर्ताओं की उम्मीद है कि कोर्ट उनके पक्ष में बड़ा फैसला कर सकता है. याचिका दाखिल होने से पहले भी सोशल मीडिया पर ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें ट्रांसजेंडर खुद अपने अपनों के लिए सोशल मीडिया के जरिए रक्त दान की रिक्वेस्ट करते देखे गए हैं.

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