चुनावी राज्यों के भारतीय जनता पार्टी को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में भगदड़ की स्थिति है। वहीं, छत्तीसगढ़ में कद्दावर नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा में खलबली मची हुई है। इसी बीच खबर आई है कि अब मध्य प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी जल्द ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस में शामिल होने को लेकर दीपक जोशी की पीसीसी चीफ कमलनाथ से भी बातचीत भी हो चुकी है। दीपक जोशी ने भी कांग्रेस में शामिल होने के संकेत देते हुए कहा कि जो मुझे सम्मान देगा, मैं उसके साथ रहूंगा। तीन बार के विधायक रहे दीपका जोशी का कहना है कि अपने पिता व पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की विरासत के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री स्व कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी भाजपा छोड़ेंगे। भाजपा के लिए यह खबर तब किसी झटके से कम नहीं है, जब पार्टी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी है। जोशी भाजपा के टिकट पर वर्ष 2018 में हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। वर्ष 2020 में कमल नाथ सरकार गिरने के दौरान हाटपिपल्या से कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी भाजपा में आ गए और भाजपा के टिकट पर विधायक बन गए। तब से जोशी नाराज चल रहे थे।
दीपक जोशी शिवराज सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे हैं। उनके पिता मप्र के मुख्यमंत्री पद पर रहे और बागली विधानसभा क्षेत्र से नौ बार विधायक रहने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम है।
दीपक जोशी कांग्रेस के संपर्क में हैं। परंपरागत सीट छिन जाने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक का राजनीतिक भविष्य भी संकट में है। वर्ष 2020 में हुए उपचुनाव के दौरान भी जोशी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बीच मुलाकातें हुई थीं। तब भी कयास लगाए जा रहे थे कि जोशी कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अब बदले हुए माहौल में जोशी ने कांग्रेस का दामन थामने का निर्णय ले लिया है
कांग्रेस भाजपा के कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों पर डोरे डाल रही है। ये दिग्गज नेता भाजपा के मिशन-2023 की राह में मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। कद्दावर मंत्री रहे जयंत मलैया, डा गौरीशंकर शेजवार, रामकृष्ण कुसमरिया जैसे पूर्व मंत्री आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।