“मैं मानता हूं कि देशभक्ति केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक भावना है जो हमारे दिलों में बसती है ” : मानोज कुमार

Untitled design 2024 08 15T094524.370

मानोज कुमार (जन्म हरिकिशन गिरि गोस्वामी, 24 जुलाई 1937) एक भारतीय अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं जिन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग में छह दशकों से अधिक समय तक काम किया है। वह अपनी देशभक्ति और सामाजिक रूप से प्रासंगिक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, और उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं.

Untitled design 2024 08 15T094524.370
मानोज कुमार

प्रारंभिक जीवन और करियर

मानोज कुमार का जन्म अबोटाबाद, पाकिस्तान में हुआ था और विभाजन के बाद वे भारत चले गए. उन्होंने 1950 के दशक के अंत में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और “कांच की गुड़िया” (1960) और “पिया मिलन की आस” (1961) जैसी फिल्मों से पहचान मिली.मानोज कुमार को “भारत कुमार” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने ज्यादातर फिल्मों में देशभक्ति और राष्ट्रीयता के विषयों को चित्रित किया है. उनकी फिल्में अक्सर भारतीय संस्कृति, इतिहास और मूल्यों को दर्शाती हैं, और उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से भारतीयों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाने का काम किया है.

Untitled design 2024 08 15T094649.487

उनकी कुछ फिल्में, जैसे कि “उपकार”, “पूरब और पश्चिम” और “क्रांति”, देशभक्ति और राष्ट्रीयता के विषयों पर आधारित हैं, और उन्होंने इन फिल्मों में अपने अभिनय से भारतीय दर्शकों को प्रेरित किया है.मानोज कुमार की सबसे प्रसिद्ध देशभक्ति फिल्म “उपकार” (1967) है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और देशभक्ति के विषय पर आधारित है. इस फिल्म में मानोज कुमार ने भारत के एक सैनिक की भूमिका निभाई है, जो देश के लिए अपनी जान तक देने को तैयार है.”उपकार” फिल्म को बहुत पसंद किया गया था और यह मानोज कुमार की सबसे सफल फिल्मों में से एक है. इस फिल्म के गीत “मेरे देश की धरती” और “कासमे वादे प्यार वफा” भी बहुत लोकप्रिय हुए थे.इस फिल्म की सफलता के बाद मानोज कुमार को “भारत कुमार” के नाम से जाना जाने लगा, और उन्हें देशभक्ति फिल्मों का एक प्रतीक माना जाने लगा.

Untitled design 2024 08 15T094825.159
मानोज कुमार

क्या था मनोज कुमार की देशभक्ति का कारण

मनोज कुमार ने कहा “मैंने हमेशा से देशभक्ति को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है. मुझे लगता है कि देशभक्ति एक ऐसी भावना है जो हमें अपने देश के प्रति समर्पित करती है और हमें उसकी सेवा करने के लिए प्रेरित करती है.मैं मानता हूं कि देशभक्ति केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक भावना है जो हमारे दिलों में बसती है. यह हमें अपने देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती है और हमें उसकी सेवा करने के लिए प्रोत्साहित करती है.मैंने अपनी फिल्मों में देशभक्ति के विषयों को चित्रित करने की कोशिश की है, क्योंकि मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है. मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्में लोगों को देशभक्ति के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करें और उन्हें अपने देश के प्रति समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित करें.मुझे लगता है कि देशभक्ति एक ऐसी भावना है जो हमें एक साथ बांधती है और हमें एक देश के रूप में खड़ा करती है. यह हमें अपने देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती है और हमें उसकी सेवा करने के लिए प्रोत्साहित करती है.”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top