Manipur Violence
बतादें, कि हाल ही में मणिपुर के जिरिबाम इलाके में हिंसा के भड़कने की खबर सामने आ रही है. बतादें, कि पिछले साल से ही मणिपुर के अंदर तनाव की स्थिति बनी हुई है. जहां पर लगातार उग्रवादियों के द्वारा कुछ ना कुछ साजिशे रची जा रही है. ऐसे में शनिवार यानि आज सुबह 5 बजे ही उग्रवादियों ने जिरिबाम के इलाके में फायरिंग शुरू कर दी इसके साथ ही में गांवों पर बमों को फेका गया.
जैसे ही पुलिस को इस बात का पता चला उसी समय मौके पर पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने हालातों को सुधारने का कार्य शुरू कर दिया. बतादें, कि जिरिबाम टाउन से लगभग 30 किमी तक की दूरी स्थित इस गांव में काफी देर तक फायरिंग हुई और बमों को फेका गया. इसके साथ ही में आपको बतादें, कि इस इलाके में घने जंगल और पहाड़ मौजुद है. जहां पर अक्सर फायरिंग जैसी घटनाओं को देखा जा चुका है. इसके साथ ही में बतादें, कि 18 अक्टूबर को उग्रवादियों के द्वारा एक स्कूल के अंदर भी आग लगा दी गई थी.
बतादें, कि हिंसा को रोकने के लिए ही हाल ही में कुछ दिनों पहले मणिपुर से मैतेई, कुकी और नाग समुदायों के लगभग 20 विधायकों को दिल्ली में बुलाया गया था. जिन्हें ये जिम्मा सौंपा गया था, कि वे मणिपुर में हो रही इस हिंसा को रोक सके. इसके साथ् ही में यहां पर हालातों को खराब होने से बचाया जा सके. शनिवार को मीटिंग के चौथे दिन ही मणिपुर के जिरिबाम में हिंसा भड़क गई. बतादें, कि बैठक के दौरान सबसे पहले कूकी समुदाय के विधायकों से बात चीत की गई. जिसके बाद से मैतेई समुदाय के पक्ष को सुना गया और अंत में नगा नेताओं के बीच बात चीत हुई. तीनों ही समुदाय के नेताओं ने अपना अपना पक्ष केंद्र सरकार के आगे रखा. वहीं उन्होनें अपनी जरूरतों के बारें में भी सरकार को बताया. आपसी सहमति के बाद से तीनों पक्ष के नेताओं से ये संकल्प दिलाया गया, कि आने वाले वक्त में मणिपुर के अंदर ना कोई हिंसा होगी और ना किसी आदमी या औरत की जान जाएगी.